30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नौकरी के लिये विस्थापितों ने दिया धरना

फोटो : 11 प्रिय-1नौकरी के लिये विस्थापितों ने दिया धरनाआदित्यपुर. सुर्वणरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना चांडिल बांध के विस्थापितों ने 37 साल पुरानी समस्या का निराकरण व नौकरी दिये जाने की मांग को लेकर परियोजना के प्रशासक कार्यालय सुर्वणरेखा भवन के समक्ष धरना दिया. अंत में प्रशासक के नाम विस्थापितों ने अपनी मांगों से संबंधित एक पत्र […]

फोटो : 11 प्रिय-1नौकरी के लिये विस्थापितों ने दिया धरनाआदित्यपुर. सुर्वणरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना चांडिल बांध के विस्थापितों ने 37 साल पुरानी समस्या का निराकरण व नौकरी दिये जाने की मांग को लेकर परियोजना के प्रशासक कार्यालय सुर्वणरेखा भवन के समक्ष धरना दिया. अंत में प्रशासक के नाम विस्थापितों ने अपनी मांगों से संबंधित एक पत्र सौंपा. धरना में विस्थापित मुक्ति वाहिनी चांडिल बांध के सदस्य उमापद महतो, सोमनाथ पाठक, जीतेंद्र गोप, संजीत यादव, मो ताजुद्दीन, परेशनाथ गोप, शंकर गोप समेत दर्जनों लोग शामिल हुए.नयी पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिलाविस्थापितों के अनुसार 1990 में अविभाजित बिहरा की पुनर्वास नीति में विस्थापितोंको संथाल परगना व छोटानागपुर प्रमंडल में तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था. उसका पालन नहीं हुआ. 2003 में झारखंड सरकार की पुनर्वास नीति में नौकरी की व्यवस्था हटा दी गयी. 2012 की पुनर्वास नीति में पुन: विस्थापितों को नौैकरी देने की बात कही गयी, लेकिन तीन साल बीतने पर भी नौकरी नहीं मिली. परियोजना में अंग्रेजों द्वारा बनाये गये 1894 के कानून के तहत कौड़ी के भाव में किसानों से जमीन ली गयी. सरकार को इसकी भरपाई विस्थापितों को नौकरी देकर करनी होगी.भुगतान में पारदर्शिता की मांगविस्थापितों ने परियोजना द्वारा पैकेज के भुगतान में पारदर्शिता नहीं बरते जाने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि दलाल से प्रभावित होकर पक्षपात किया जाता है. पुनर्वास कार्यालय चांडिल एक विस्थापित के इशारे पर चलता है. सभी समस्याओं का समाधान किया जायेगा तभी चांडिल डैम में 185 मीटर पानी भंडारण के बारे में सोचा जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें