साहिबगंज. नागरिक परिषद तत्वावधान में वन नेशन वन इलेक्शन विषय पर रविवार को संगोष्ठी का आयोजन जिला परिषद मार्केट के उत्सव बैंक्वेट हॉल में किया गया. जिसका शुभारंभ जैक के पूर्व अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह व पूर्व विधायक अनंत ओझा ने किया. मंच पर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रामदरश यादव उपस्थित रहे. डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव देश के विकास में बाधा है. पैसा भी खर्च होता है. नेता और नौकरशाही व्यस्त हो जाते हैं. जनकल्याण योजनाएं रुक जाती हैं. मगर वहीं वन नेशन वन इलेक्शन से देश में तेजी से विकास होगा. चुनाव खर्च में भी कमी आएगी. वहीं अनंत कुमार ओझा ने कहा कि प्रस्ताव में कुल 62 राजनीतिक दलों ने सुझाव माना था. लेकिन इसमें से 47 दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी थी. उसे 47 दलों में से 32 दलों ने एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में अपना विचार पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को सुपुर्द किया था. 15 दलों ने इस पर आपत्ति जतायी थी. वन नेशन वन इलेक्शन भारत के लिए कोई नया कॉन्सेप्ट नहीं है. आजादी के बाद से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराये गये थे. 1952, 1957, 1962 और 1967 में दोनों चुनाव एक साथ ही हुए थे. लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से अलग-अलग चुनाव होने लगे. वन नेशन वन इलेक्शन से देश में वित्तीय बचत होगी, शासन में निरंतरता आएगी. कार्यकम की अध्यक्षता व मंच संचालन पूर्व सीआईटी विजय कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुनील सिंह ने दिया. इस कार्यकम में मुख्य रूप से रामानंद साह, धर्मेंद्र कुमार,कमल महावर, सुशील भरतिया, उपेन्द्र राय, नरेश ठाकुर, जगनमय मिश्रा, भिखारी साह, प्रदीप साह, विवेकानंद तिवारी, प्रो सुबोध झा, प्रमोद पांडेय, चन्द्रभान शर्मा, आकाश पाण्डेय, सुनील सिंह, जयप्रकाश सिन्हा, दिनेश पांडेय एवं शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम समाप्ति के पूर्व विगत 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी घटनाओं में मारे गए परिवार के प्रति 2 मिनट का मौन रखा गया.
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