साहिबगंज. फल-सब्जी दुकानदारों से दो बार बट्टी लेने का मामला दिन-प्रतिदिन गरमाता ही जा रहा है. लगातार दूसरे दिन शनिवार को दोपहर बाद फल-सब्जी दुकानदारों ने नगर परिषद पहुंचकर नप कार्यालय का घेराव किया और प्रशासक से मिलकर इसका विरोध जताया. पटेल चौक से स्टेशन तक और पटेल चौक से नगर परिषद तक सब्जी-फल बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि हमलोग वर्षों से दुकान लगाते आए हैं, पूर्व में एक बार ही बट्टी देते थे. लेकिन कुछ दिनों से एक बार सुबह सब्जी-फल वाला लेसी का लोग आकर बट्टी वसूलता है. शाम में अस्थायी दुकान के लेसी का आदमी बट्टी वसूलता है. विरोध करने पर बोलता है कि दुकान हटाकर सब्जी मंडी लेकर जाओ, यहां से दुकान हटाओ. दिन भर जितना कमाते नहीं हैं, उतना बट्टी में देना पड़ जाता है. वहीं नगर परिषद प्रशासक अभिषेक कुमार सिंह ने दुकानदारों से कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में कहीं भी लगने वाला फल-सब्जी दुकान वाले विमल यादव लेसी को एक बार ही निर्धारित दर से बट्टी दें. अस्थायी दुकानदार फल-सब्जी छोड़कर एक बार ही तय निर्धारित दर लेसी मुनेश यादव को बट्टी दें. नगर परिषद क्षेत्र में कहीं भी फल-सब्जी दुकान लगता है तो लेसी विमल यादव ही दुकानदार से बट्टी वसूलेंगे. वहीं नगर परिषद क्षेत्र में कहीं भी गोड़ाबाड़ी हटिया, फल सब्जी दुकानों को छोड़कर अस्थायी दुकानों से लेसी मुनेश यादव निर्धारित दर से बट्टी वसूली करेंगे. वहीं बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी, लेसी मुनेश यादव, गोलू यादव सहित अन्य शनिवार को नगर परिषद प्रशासक से मिले. आक्रोशित दुकानदारों ने कहा कि अगर नगर परिषद, जिला प्रशासन ने अगर डबल बट्टी और ज्यादा बट्टी का मामला नहीं सुलझाया तो सब्जी-फल दुकानदार लगातार दो दिन तक हड़ताल करेंगे. इस दौरान बाहर से और दियारा से एक भी सब्जी-फल विक्रेता नहीं आएगा और न ही एक भी दुकान सब्जी मंडी में लगेगी. सोमवार और मंगलवार को हड़ताल करने के मूड में सब्जी-फल दुकानदार हैं. वहीं इससे पूर्व गोड्डा जिले में भी फल-सब्जी दुकानदार हड़ताल करके विरोध जता चुके हैं, जिसके बाद वहां पर दुकानदारों को राहत मिली. नहीं हुई माइकिंग, न लगा रेट चार्ट : डीसी हेमंत सती ने शनिवार को नगर परिषद प्रशासक को नगर परिषद क्षेत्र में रेट चार्ट का होर्डिंग लगवाने, माइकिंग करके जानकारी देने और लेसी को सख्त निर्देश देने का निर्देश दिया था. लेकिन नगर परिषद की ओर से अभी तक कुछ नहीं हो सका. इससे सब्जी-फल दुकानदारों में नाराजगी है. आखिर वो अपना दुख-दर्द सुनाने किसके पास जाएं.
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