शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पिनरगड़िया गांव के पास बुधवार की देर रात को वर्षों से बंद पड़े पत्थर खदान में गिरे ट्रक व केबिन में फंसे खलासी मोतीउररहमान के शव को शनिवार को भी नहीं निकाला जा सका. अवर निरीक्षक राजनीति पांडे पुलिस बल के साथ घटनास्थल का जायजा लेते रहे. लेकिन बड़े क्रेन व गोताखोर के नहीं पहुंचने के कारण रेशक्यू अभियान नहीं चलाया जा सका. पुलिस उपाधीक्षक पीतांबर सिंह खैरबार ने बताया कि बड़ा क्रेन मंगाया जा रहा है.
जल्द ही ट्रक व केबिन में फंसे खलासी के शव को निकाल लिया जायेगा. सूचना के बाद फरक्का से पहुंचे मृतक खलासी के परिजन अब्दूस सलाम, मोरिना बीबी का रो-रो कर बुरा हाल है. वे लोग भी शनिवार को जुटे स्थानीयों के साथ ट्रक व शव के निकलने का इंतजार करते रहे. मगर अंतत: उन्हें निराशा ही हाथ लगी. वहीं पुलिस व प्रशासन पर परिजनों का रोष आना भी स्वाभाविक ही था. पिता अब्दूस सलाम ने चार दिन के इंतजार के बाद शव के नहीं निकलने को लेकर काफी निराश हुए और प्रशासन के सुस्त रवैये पर रोषित हुए.
वहीं कई बंगाल से आये मृतक खलासी के परिजनों को व्यवस्था पर झुंझलाते हुए भी देखा गया. जिस रास्ते पर गुजरते हुए उक्त ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हुआ यह रास्ता पश्चिम बंगाल के पांखपाड़ा से पिनरगड़िया गांव के आगे दुमका-रामपुरहाट मुख्य सड़क से मिलती है. उक्त बंद पड़े पत्थर खदान में गार्डवाल जैसी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.