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तीन थानों की पुलिस ढूंढ रही सुराग

36 घंटे बाद भी कुछ नहीं लगा हाथ, कई बिंदुओं पर पुलिस कर रही तहकीकात साहिबगंज : शहर के बीचों बीच चौक बाजार में प्रख्यात व्यवसायी अरुण तमाखुवाला की हत्या के मामले ने पुलिस की नींद उड़ा दी है. पुलिस मामले के उदभेदन को लेकर दिनरात एक किये हुए है लेकिन 36 घंटा बीत जाने […]

36 घंटे बाद भी कुछ नहीं लगा हाथ, कई बिंदुओं पर पुलिस कर रही तहकीकात
साहिबगंज : शहर के बीचों बीच चौक बाजार में प्रख्यात व्यवसायी अरुण तमाखुवाला की हत्या के मामले ने पुलिस की नींद उड़ा दी है. पुलिस मामले के उदभेदन को लेकर दिनरात एक किये हुए है लेकिन 36 घंटा बीत जाने के बाद भी कुछ हाथ नहीं लग पाया है. इस हत्याकांड ने ऐसे अनसुलझे सवाल खड़े किये हैं कि पुलिस को इसे सुलझाने में घोर माथापच्ची करनी पड़ रही है.
सुराग के लिए दुमका से खोजी कुत्ता (डोली) को भी मंगाया गया है लेकिन वह भी कुछ नहीं ढूंढ पायी है. हालांकि अरुण के भतीजे गौरव मित्तल के बयान पर धारा 302/34 की भादवि के तहत कांड संख्या 332/15 के तहत अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उधर एसपी सुनील भास्कर दावा ठोक रहे हैं कि जल्द ही सुराग मिलेगा और अपराधी पकड़े जायेंगे. इसके लिए तीन थाना के पुलिस पदाधिकारियों की एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
घटनास्थल से 200 गज की दूरी पर है थाना
अरुण तमाखुवाला का घर एक तो शहर के बीचों बीच घनी आबादी वाले मुहल्ले में है, दूसरी बात यह जगह नगर थाने से महज 200 गज की दूरी पर है. डीएसपी ने बताया कि रात के समय 11 बजे तक टाइगर मोबाइल पुलिस इस जगह पर मोटरसाइकिल से घूमती है. जबकि रात 11 बजे से सुबह 3:30 बजे तक जीप से पुलिस गस्ती करती है.
32 कट्ठा की जमीन पर थी किसकी नजर!
व्यवसायी अरूण कुमार तंबाकूवाला की हत्या आखिर संपत्ति को लेकर कैसे हो सकती है. शहर के संत जेवियर्स रोड स्थित गर्ल्स होस्टल के पास 32 कट्ठा कीमती जमीन अरुण व उसके छोटे भाई के संयुक्त नाम पर है. अरुण का छोटा भाई अनूप तंबाकूवाला पिछले कई साल से कोलकाता में रह रहे हैं.
पुलिस को अंदेशा है कि किसी व्यक्ति की नजर उस जमीन पर रही होगी. बड़ा सवाल है कि जब कोई जमीन दो व्यक्ति के नाम पर हो तो अरुण की हत्या से उस शख्स को क्या फायदा हो सकता है! अनुप कहते हैं कि एक स्कूल के प्रतिनिधि जमीन लेने के लिये आये थे लेकिन संघ से जुड़े होने के कारण अरुण ने साफ कहा था कि एक रुपये की जमीन आप सौ रुपये में भी मांगोगे तो नहीं देगें. यह जमीन सरस्वती शिशु मंदिर को दान में देगें. इस मामले को भी पुलिस एंगल बनाकर मामले की जांच कर रही है.
परिजनों का जमीन विवाद से इंकार
परिजनों ने पूछताछ के क्रम में बताया है कि अरुण ने कभी किसी जमीन विवाद का जिक्र भी नहीं किया. भाई अनुप के अनुसार अरुण ने कभी फोन पर भी दान में जमीन देने की बात नहीं कही थी. पूरी जमीन पर उनका मालिकाना हक था इसलिए कभी परिजनों ने भी उनसे कोई सवाल भी नहीं किया.
कहीं घर में पहले से घुसकर घात लगाये थे अपराधी!
मामले में एक बात छन कर आयी है कि कहीं अपराधी घर में घुस कर पहले से ही घात लगाये तो नहीं थे. अरुण की बहन उमा ने बताया कि अरुण हर दिन सुबह तीन बजे स्नान करते थे. जिस अवस्था में अरुण का शव मिला हो सकता है वे अहले सुबह स्नान करने बाथरूम गये होंगे.
कयास लगाया जा रहा है कि अपराधी घर में ही पहले से घात लगाये होंगे और वे अरुण के उठने का इंतजार कर रहे होंगे. अरुण मात्र एक हाफ पेंट पहने हुए थे. यदि अपराधी पहले घर में घुसे हुए थे तो फिर किस रास्ते से गये होंगे. क्योंकि घर में दो ही रास्ते हैं एक दुकान होकर और दूसरा दुकान की बगल से सीढ़ी होकर इसपर भी पुलिस जांच कर रही है.

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