रांची. मेन रोड स्थित क्राइस्ट चर्च में जीइएल चर्च के विश्वासियों के लिए आराधना की अगुवाई बिशप सीमांत तिर्की ने की. अपने उपदेश में उन्होंने कहा कि गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन है, जब हम प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर दिये गये बलिदान को याद करते हैं. यह दुख का दिन है, लेकिन साथ ही प्रेम, क्षमा और उद्धार का दिन भी है. प्रभु यीशु का क्रूस पर मरना परमेश्वर के प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण है. यह प्रेम निष्कलंक, निस्वार्थ और अनंत है. गुड फ्राइडे हमें स्मरण कराता है कि पाप का दंड मृत्यु है. यीशु ने हमारे पापों का दंड अपने ऊपर लेकर हमें जीवन दिया है. यीशु ने क्रूस पर रहते हुए भी क्षमा की प्रार्थना की. यह हमें बताता है कि क्षमा केवल शब्दों में नहीं, बलिदानों से भी जुड़ी होती है. यीशु ने एक डाकू को उद्धार का आश्वासन दिया. यह दर्शाता है कि उद्धार किसी की भी पहुंच से बाहर नहीं. बाइबल के अनुसार यीशु ने हमारे लिए दुख उठाया. वह हमारे लिए मर गया. वह हमारे दुखों से वाकिफ है. हम अपने दुख में अकेले नहीं हैं. उसने मृत्यु तक आज्ञाकारी होकर पिता की इच्छा पूरी की. गुड फ्राइडे के तुरंत बाद हम पुनरुत्थान रविवार की ओर देखते हैं, जब वह क्रूस पर मरकर तीसरे दिन जी उठे. गुड फ्राइडे केवल एक दुख का दिन नहीं है. यह प्रेम, क्षमा और नयी आशा का दिन है.
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