रांची. झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो और भारतीय पुलिस सेवा के 14 अधिकारियों ने अब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. हर साल अधिकारियों को संपत्ति का ब्योरा देना होता है. झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के छवि रंजन और 2020 बैच की रीना हंसदक ने अब तक ब्योरा नहीं दिया है. छवि रंजन फिलहाल जेल में हैं. शेष 145 अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है. 2024 बैच तक के अधिकारियों ने संपत्ति का ब्योरा भारत सरकार को दिया है. 2024 बैच के अधिकारी अभी प्रोबेशन पर हैं. राज्य में सबसे वरीय अधिकारी अलका तिवारी हैं. वह मुख्य सचिव के पद पर पदस्थापित हैं. वह 1988 बैच की अधिकारी हैं. केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्त शैलेश कुमार सिंह, निधि खरे, सुनील कुमार वर्णवाल, आराधना पटनायक, केके सोन, राहुल शर्मा, हिमानी पांडेय ने भी संपत्ति का ब्योरा दिया है.
111 आइपीएस ने दी संपत्ति की जानकारी
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, भारतीय पुलिस सेवा के 14 अधिकारियों ने अब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. इसमें 1997 बैच के टी कंडास्वामी, 2011 बैच के मनीलाल मंडल, 2014 बैच के अरविंद कुमार सिंह भी शामिल हैं. इसके अलावा 2014 बैच के सिद्दीक अनवर रिजवी और प्रभात कुमार, 2016 बैच के अजय कुमार सिन्हा, अजीत कुमार, दीपक कुमार पांडेय, पूज्य प्रकाश, शाहदेव साव, 2017 बैच के आरिफ एकराम, 2023 बैच के शुभम मीणा तथा बिपिन दुबे भी शामिल हैं. भारतीय पुलिस सेवा के 111 अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है. संपत्ति का ब्योरा देने वालों में सबसे वरीय अधिकारी 1990 बैच के अनिल पाल्टा और अनुराग गुप्ता भी शामिल हैं.
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