रांची. पूर्व केंद्रीय मंत्री, प्रसिद्ध टेक्नोक्रैट, शिक्षाविद, समाज सुधारक और आदिवासी समाज के शिखर पुरुष कार्तिक उरांव की जयंती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि दी गयी. बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे व वरिष्ठ पदाधिकारियों ने विवि मुख्यालय स्थित प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया. कुलपति ने कहा कि कार्तिक उरांव ने जीवन भर आदिवासियों के विकास के लिए काम किया. स्व. कार्तिक उरांव ने पटना से बीएससी इंजीनियरिंग और लंदन से एमएससी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी. इंग्लैंड में 1959 में दुनिया का सबसे बड़ा आटोमेटिक न्यूक्लिएर पावर स्टेशन का डिजाइन बनाकर उन्होंने इंग्लैंड सरकार को दिया था. यह पावर स्टेशन आज हिंकले न्यूक्लिएर पावर स्टेशन कहलाता है. इंग्लैंड में लगभग एक दशक के प्रवास के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरु के आग्रह पर भारत लौटे. रांची के एचइसी में वह सुपरिटेनडिंग इंजीनियर (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन) बनाये गये. अपनी योग्यता के बल पर वह एक साल के अंदर ही चीफ इंजीनियर डिजाइन के पद पर प्रोन्नत हो गये और वर्ष 1967 तक कार्यरत रहे. वह सन 1967, 1971 और 1980 में लोहरदगा से सांसद चुने गये. केंद्र में मंत्री रहे. विधायक भी बने.
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