विशेष संवाददाता, रांची़ प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अपने बड़े अधिकारियों के नाम पर पैसा वसूलनेवाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनमें मनोज कुमार उर्फ बॉबी, कर्मवीर और राजीव अरोड़ा शामिल हैं. विदेशों में गलत तरीके से 3500 करोड़ रुपये भेजने के मामले में चल रही जांच के दौरान इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. बता दें कि विदेश में गलत तरीके से पैसे भेजनेवालों में देश के कई राज्यों के हवाला कारोबारी शामिल हैं. झारखंड के कुछ हवाला कारोबारी भी संदेह के दायरे में हैं. गिरफ्तार लोगों ने उक्त मामले में जांच में बरी कराने की बात कहते हुए इडी के बड़े अफसरों के नाम पर 30 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन पांच लाख रुपये का भुगतान लेने के बाद पकड़े गये. इडी ने तीनों को दिल्ली पुलिस के हवाले का दिया है. दिल्ली पुलिस ने तीनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए इन्हें गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, इडी ने भी इस गिरोह के खिलाफ इसीआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इससे पहले 31 जुलाई को भी इडी ने एक अन्य गिरोह के मनोज कुमार नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. वह खुद को इडी का अपर निदेशक बता कर पैसा वसूलता था. उसने अपना फर्जी आइ कार्ड भी बना रखा था. इडी की जांच में पता चला कि मनोज कुमार उर्फ बॉबी ने लाइजनिंग के लिए एक गिरोह बना रखा है. इसमें राजीव अरोड़ा, कर्मवीर, कपीश जोशी, प्रद्युम्न आचार्य उर्फ गुरुजी, जतिन कोचर, नामो नारायण मीणा, रोहताक्षी कोचर उर्फ मोना कोचर, राजेश मसालपुरिया, धीरज कुमार, अंकित और बिल्लू शामिल हैं. ये सभी लोग दिल्ली के विभिन्न इलाकों के रहनेवाले हैं. यह गिरोह इडी और सीबीआइ सहित अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच दायरे में शामिल लोगों को बरी कराने का झांसा देकर पैसों की वसूली करता है. वहीं, सरकारी और कॉरपोरेट कंपनियों में ठेका दिलाने व अधिकारियों के तबादले के नाम पर भी पैसे ऐंठता है.
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