राजेश तिवारी, रांची. मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 15 करोड़ की लागत से बना सिदो-कान्हू स्टेडियम सिर्फ कहने को वर्ल्ड क्लास स्टेडियम है, अंदर से हाल बेहाल है. वेलोड्रम में प्लेयर्स के स्टेडियम के अंदर तक जाने वालारास्ता एक तरफ से धंस गया है. जगह-जगह से सीमेंट क्रैक हो चुका है. अब तो ईंट भी दिखने लगी है. इंट्री वाला रास्ता इस तरह धंस चुका है कि इवेंट के दौरान साइकिल से इंट्री करने पर प्लेयर्स घायल भी हो सकते हैं. दीवारों में भी कई जगह दरारें आ गयी है.
जगह-जगह दीवारों पर दाग धब्बे
वेलोड्रम स्टेडियम के मुख्य भवन की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है. जगह-जगह दीवारें दाग-धब्बों से भरी पड़ी है. फॉल्स रूफ भी टूट चुका है. कई जगहों पर फॉल्स रूफ का चिप्स भी क्रैक हो गया है. जानकारी के मुताबिक डेढ़ साल पहले इसकी मरम्मत भी हुई थी, बावजूद फॉल्स रूफ की स्थिति जर्जर है. खेलगांव को बनाने का मकसद राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों का हुनर तराशना था, पर इसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. दूर से यह मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खूबसूरत दिखायी देता है, लेकिन नजदीक जाने पर हर जगह टूट-फूट, दरार व जंग से सामना हो जायेगा. इसे दुरुस्त करने की कार्रवाई अभी तक नहीं की गयी.
मेंटेनेंस पर करोड़ों रुपये हो चुके हैं खर्च
स्टेडियम के मेंटेनेंस पर खर्च होनेवाली राशि का आधा हिस्सा झारखंड सरकार देती है और आधा सीएसआर फंड के तहत सीसीएल देता है. साल 2016-17 में झारखंड सरकार ने चार करोड़ रुपये दिया था. वहीं 2017-18 में छह करोड़, 2018-19 में 3.14 करोड़ और 19-20 में 13.97 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं. इधर, सीसीएल भी पिछले सात साल में 10 करोड़ रुपये मेंटेनेंस पर खर्च कर चुकी है.सिदो-कान्हू वेलोड्रम स्टेडियम
लागत : 15 करोड़
क्षमता : 2 हजारस्पोर्ट्स : साइकिलिंग के इवेंट्स
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