रांची. बच्चों में मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बढ़ती समस्या को लेकर स्कूली स्तर पर बच्चों को जागरूक किया जायेगा. इसके लिए यूनिसेफ और स्कूली शिक्षा विभाग ने पहल की है. होटल रेनड्यू में गुरुवार को आयोजित कार्यशाला में यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने रांची जिला के शिक्षकों को नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर) की वजह, कारण, निदान और इसकी रोकथाम में शिक्षकों की भूमिका से अवगत कराया. शिक्षकों को बताया गया कि वह बच्चों में स्वस्थ खानपान की आदतों को विकसित करने के लिए जागरूक कर सकते हैं. वहीं, बच्चों को इन गंभीर बीमारी के खतरों से अवगत कराकर बचा सकते हैं.
बेहतर जीवनशैली हो सकती है कारगर
यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ कनीनिका मित्र ने कहा कि बच्चों में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज का खतरा बढ़ा है. इसकी रोकथाम में स्वस्थ खानपान तथा बेहतर जीवनशैली कारगर साबित हो सकती है. इसमें शिक्षकों की भूमिका ज्यादा है. वह स्वस्थ आहार की आदतों को बच्चों में बचपन से ही विकसित कर सकते है. उन्होंने कहा कि इसमें माता-पिता के बाद शिक्षकों की प्रेरणा काफी काम आयेगी. इसी को ध्यान में रखकर यह कार्यशाला आयोजित की गयी है. यूनिसेफ की आस्था अलंग ने कहा कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए समाज और शिक्षकों की सामूहिक जिम्मेदारी है. पोषण और स्वस्थ जीवनशैली का प्रशिक्षण इसी के तहत दिया जा रहा है. यूनिसेफ झारखंड के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वनेश माथुर और पोषण विशेषज्ञ प्रीतीश नायक ने भी कई जानकारी दी. कार्यशाला में जिले के सातों प्रखंड के 70 से अधिक सरकारी स्कूलों के शिक्षक, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

