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झारखंड : सड़ रही है वर्ष 2016 में पांच लाख बच्चों को देने के लिए खरीदी गयी टी-शर्ट, पिघल गयीं टॉफियां

टी-शर्ट व टॉफी खरीद में गड़बड़ी की शिकायत के बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को दी गयी. एसीबी ने पीई दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसमें रांची के तत्कालीन उपायुक्त मनोज कुमार, झारखंड शिक्षा परियोजना के रतन श्रीवास्तव व सौरभ कुमार की संलिप्तता पायी गयी.

रांची, सुनील कुमार झा : झारखंड के स्थापना दिवस पर वर्ष 2016 में स्कूली बच्चों के देने के लिए खरीदी गयी टी शर्ट व टॉफी का शत-प्रतिशत वितरण नहीं किया गया. पिछली सरकार ने स्थापना दिवस पर प्रभात फेरी में शामिल बच्चों को टी-शर्ट देने का निर्णय लिया था. जिला स्कूल, रांची के छात्रावास के एक कमरे में रखी गयी हजारों टी-शर्ट सड़ रही है. वहीं बड़ी मात्रा में टॉफी रखे-रखे पिघल गयी. बोरों में भर कर टी-शर्ट रखी गयी है. सरकारी स्कूलों के बच्चों के बीच वितरण के लिए पांच लाख टी शर्ट खरीदी गयी थी. इस खरीद में वित्तीय गड़बड़ी के भी आरोप लगे हैं, जिसकी जांच एसीबी कर रही है. गड़बड़ी की जांच तो हो ही रही है. साथ ही इसे खरीद कर बांटा भी नहीं गया. जिला स्कूल, रांची के अलग-अलग कमरों में टी शर्ट रखी गयी थी, जिनमें से हजारों टी शर्ट को चूहाें ने काट डाला है और हजारों रखे-रखे बर्बाद हो चुकी हैं.

पांच लाख बच्चों को मिलनी थी

वर्ष 2016 के झारखंड स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर निकाली जानेवाली प्रभात फेरी के मौके पर बच्चों को टीशर्ट व टॉफी का वितरण करना था. इनकी खरीद के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने में काफी समय लगने का हवाला देते हुए पहले खरीद की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी. इसके बाद टी-शर्ट, टॉफी और कार्यक्रम पर हुए खर्च के भुगतान का प्रस्ताव कैबिनेट में पेश कर पारित कराया गया.

बोरा का बोरा टी शर्ट ले गये लोग

स्थापना दिवस के बाद काफी दिनों तक टी-शर्ट जिला स्कूल में रखी रही. इसके बाद जिसको जानकारी मिली वही ,यहां से टी-शर्ट उठा कर ले गया. कई लोग तो पूरा बोरा भरा टीशर्ट ले गये. इसका कोई हिसाब लेनेवाला नहीं था. एक व्यक्ति ने टी-शर्ट गांव ले जाकर बांटी.

एसीबी कर रही है खरीद में हुई गड़बड़ी की जांच

टी-शर्ट व टॉफी खरीद में गड़बड़ी की शिकायत के बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को दी गयी. एसीबी ने पीई दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसमें रांची के तत्कालीन उपायुक्त मनोज कुमार, झारखंड शिक्षा परियोजना के रतन श्रीवास्तव व सौरभ कुमार की संलिप्तता पायी गयी. एसीबी ने इन तीनों लोगों के खिलाफ जांच की अनुमति सरकार से मांगी है. प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आयी है कि काफी संख्या में टी-शर्ट को लुधियाना से रांची पहुंचने से पहले ही वितरित दिखाया गया. सच्चाई यह है कि ये टी-शर्ट बंटे ही नहीं.

लुधियाना व जमशेदपुर की कंपनी से खरीदी गयी टी-शर्ट व टॉफी

वर्ष 2016 में स्थापना दिवस के मौके पर होनेवाले कार्यक्रम को लेकर हुई बैठक के बाद दिशा-निर्देश जारी किया गया. इसमें तीन दिनों (13 से 15 नवंबर) तक जिलास्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया. इस फैसले के आलोक में रांची के तत्कालीन उपायुक्त ने जमशेदपुर के लल्ला इंटरप्राइजेज से पांच लाख टॉफी और लुधियाना के कुडू फैब्रिक्स से मनोनयन के आधार पर पांच लाख टी शर्ट खरीदने की अनुमति मांगी. इसके बाद उपायुक्त ने दोनों ही कंपनियों को आपूर्ति आदेश दिया. कुडू फैब्रिक्स ने टी-शर्ट की आपूर्ति के लिए दो करोड़ रुपये अग्रिम की मांग की. उपायुक्त के स्तर से आपूर्ति आदेश देने के बाद कंपनी ने टी-शर्ट की आपूर्ति की. जेइपीसी के रतन श्रीवावास्तव ने टी-शर्ट प्राप्त करने का प्रमाण पत्र दिया था.

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