वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने जिला पशुपालन पदाधिकारी (डीएएचओ) पाकुड़ को प्रभार लेने से रोकने से संबंधित आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने प्रार्थी के जिला पशुपालन पदाधिकारी के प्रभार लेने से रोकने संबंधित 25 अप्रैल 2025 के आदेश पर रोक लगा दिया. साथ ही मामले में सरकार को जवाब दायर करने के लिए छह सप्ताह का समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई नाै जुलाई को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार व नितेश कुमार सिन्हा ने अदालत को बताया कि प्रार्थी के खिलाफ क्रिमिनल केस था, जिसमें उन्हें हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली है. इसके बाद कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के अवर सचिव ने 22 अप्रैल को पत्र जारी कर प्रार्थी को जिला पशुपालन पदाधिकारी पाकुड़ के पद का पूर्ण प्रभार सौंपने का निर्देश दिया था. इसके बाद 25 अप्रैल को पत्र जारी कर 22 अप्रैल के प्रभार लेने के आदेश को रोक दिया गया. उसी दिन यानी 25 अप्रैल को प्रार्थी को 28 अप्रैल तक कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था. अधिवक्ताओं का कहना था कि प्रार्थी को प्रभार दिया जाना था, जिस पर बाद में रोक लगा दी गयी और उसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जो कानून की नजर में अनुचित है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पाकुड़ के डीएएचओ कमलेश्वर कुमार भारती ने याचिका दायर कर प्रभार लेने पर रोक लगाने के आदेश को चुनाैती दी है.
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