27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

अतिक्रमण के भेंट चढ़ रहा राजकीय पॉलिटेक्निक की जमीन, प्रशासन और निगम ने नहीं ली सुध

सीओ के आदेश पर अमीन से कराये गये भूमि के स्थल निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद वर्तमान स्थिति का पता चला है. वहीं राजकीय पॉलिटेक्निक प्रबंधन ने भी अधिग्रहित कुल भूमि का सही मूल्यांकन कराकर रिपोर्ट देने का आग्रह किया है.

संवाददाता, रांची

राजकीय पॉलिटेक्निक बहुबाजार की अधिग्रहित जमीन लगातार घट रही है. 28.54 एकड़ कुल अधिग्रहित भूमि में से सिर्फ 8.35 एकड़ पर चहारदीवारी है. वहीं, 5.95 एकड़ भूमि विस्थापितों के लिए दी गयी है. बाकी 14.24 एकड़ भूमि अतिक्रमित है. सीओ के आदेश पर अमीन से कराये गये भूमि के स्थल निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद वर्तमान स्थिति का पता चला है. वहीं राजकीय पॉलिटेक्निक प्रबंधन ने भी अधिग्रहित कुल भूमि का सही मूल्यांकन कराकर रिपोर्ट देने का आग्रह किया है.

2011 में भारी विरोध और हंगामा के बीच अतिक्रमण हटाया

गौर करनेवाली बात है कि पॉलिटेक्निक की जिस जमीन पर से वर्ष 2011 में जिला प्रशासन ने भारी विरोध और हंगामा के बीच अतिक्रमण हटाया था, उस पर फिर झुग्गियां बनाकर रहने लगे हैं. दूसरी ओर इस मसले पर जिला प्रशासन और रांची नगर निगम के अधिकारी मौन साधे हुए हैं. इससे पूर्व यहां जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के बाद छह एकड़ जमीन की घेराबंदी की गयी थी. लेकिन फिर भी जिला प्रशासन और निगम ने इसकी सुध नहीं ली. नतीजतन एक-एक कर झोपड़ियां बनती गयीं.

फ्लैट मिलने की आस में जमे हुए हैं लोग

यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि एक न एक दिन सरकार उन्हें भी फ्लैट बनाकर आवंटित करेगी. हाइकोर्ट से सरकार को आदेश हुआ है कि बेघरों को उसी जगह पर फ्लैट बनाकर दिया जाये. इसलिए ही वह यहां जमे हुए हैं. जिस दिन सरकार और निगम की ओर से उन्हें फ्लैट आवंटित कर दिया जायेगा, वह खुद ही जमीन को खाली कर फ्लैट में शिफ्ट हो जायेंगे.

Also Read: होल्डिंग टैक्स में बदलाव फार्मूले का प्रस्ताव आज रखा जाएगा कैबिनेट बैठक में, जानें अभी क्या है नियम

कम फ्लैट बनकर हुए तैयार, आवंटन में किचकिच तय

हाइकोर्ट के आदेश पर निगम यहां 291 फ्लैट बनवा रहा है. इसके लिए चिह्नित लाभुकों से 50-50 हजार की सिक्यूरिटी मनी भी निगम ने जमा करायी है. लेकिन, जिस दिन भी यहां फ्लैट की लॉटरी होगी, विरोध होना तय है. क्योंकि यहां 1100 से अधिक झोपड़ियां तोड़ी गयी थीं और उनकी जगह 444 फ्लैट बनने थे. लेकिन निगम ने मात्र 291 फ्लैट ही बनवाये हैं. इस संबंध में वार्ड पार्षद नाजिमा रजा ने कहा कि वर्ष 2011 में हाइकोर्ट ने फ्लैट बनाकर लोगों को बसाने का आदेश दिया था. 12 साल गुजरने के बाद भी इस्लामनगर का फ्लैट बनकर तैयार नहीं हुआ है. दूसरी ओर इसके बाद मधुकम, रुगड़ीगढ़ा, बिरसा नगर चडरी व बनहोरा में फ्लैट का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और वहां फ्लैट बनकर तैयार हो चुके हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें