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Political news : शिबू सोरेन का जीवन अंतहीन किताब, जितना पलटेंगे उतनी मिलेंगी संघर्ष की गाथाएं : केशव

कांग्रेस ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि. केंद्र सरकार से भारत रत्न देने की मांग की. गुरुजी के निवास स्थल को संग्रहालय बनाने की मांग की गयी.

रांची.

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गुरुवार को कांग्रेस भवन में श्रद्धांजलि सभा हुई. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश समेत पार्टी के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं दिशोम गुरु के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. श्री कमलेश ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन एक अंतहीन किताब की तरह है, जिसके पन्नों को जितना पलटा जायेगा संघर्ष की उतनी गाथाएं मिलेंगी. आदिवासी समुदाय की अस्मिता और अधिकार के लिए उन्होंने युवावस्था से ही संघर्ष किया. श्री कमलेश ने कहा कि गुरुजी ने झारखंड वासियों के अधिकार के लिए झारखंड अलग राज्य के आंदोलन को सक्षम नेतृत्व प्रदान किया और आंदोलन को धारदार बनाया. हर जाति समुदाय को आंदोलन से जोड़ा, जिसका प्रतिफल अलग राज्य निर्माण के रूप में मिला. जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत और प्रयत्नशील रहने वाले गुरु जी ने उनके महत्व से आम लोगों को जागरूक किया. झारखंड में उनके द्वारा जलायी गयी क्रांति की मशाल हमेशा लोगों के लिए पथ प्रदर्शक का काम करेगी.

गुरुजी के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की जाये

श्री कमलेश ने कहा गुरुजी के त्याग, बलिदान और समाज में उनके योगदान के लिए केंद्र सरकार उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करे. उन्होंने राज्य सरकार से गुरुजी के नाम से राज्य में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की. साथ ही उनके निवास स्थान को संग्रहालय घोषित किया जाये और झारखंड की पाठ्य पुस्तकों में उनकी जीवनी को शामिल किया जाये.

संघर्षों के प्रतीक थे शिबू सोरेन

कांग्रेस के सह प्रभारी सिरिवेला प्रसाद ने कहा कि शिबू सोरेन संघर्षों के प्रतीक थे. झारखंड निर्माण के लिए किये आंदोलन और आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों के लिए झारखंड की जनता सदैव उनका ऋणी रहेगी. उन्होंने देश स्तर पर आदिवासी समुदाय के बीच अपनी विश्वसनीयता कायम की थी. उनके आदर्शों को आत्मसात करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

गुरुजी के व्यक्तित्व की चर्चा की कोई सीमा नहीं

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि गुरुजी के व्यक्तित्व की चर्चा की कोई सीमा नहीं हो सकती है. झारखंड की उन्होंने न सिर्फ परिकल्पना की, बल्कि संघर्षों से उसे मुकाम तक पहुंचाया. जिन उद्देश्यों को लेकर उन्होंने अपने जीवनकाल में संघर्ष किया, उन उद्देश्यों को धरातल पर उतारना, झारखंड वासियों को आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से मजबूत करना ही उन्हें श्रद्धांजलि होगी.

श्रद्धांजलि सभा में ये हुए शामिल

श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप, मंत्री राधाकृष्ण किशोर, डॉ इरफान अंसारी, विधायक डाॅ रामेश्वर उरांव, सुरेश बैठा, सुबोधकांत सहाय, रोशन लाल भाटिया, बन्ना गुप्ता, रवींद्र सिंह , शहजादा अनवर, राकेश सिन्हा, आलोक दुबे, अमूल्य नीरज खलखो, सतीश पॉल मुंजिनी, राजीव रंजन प्रसाद, सोनल शांति, लाल किशोरनाथ शाहदेव, सूर्यकांत शुक्ला, आभा सिन्हा, सुल्तान अहमद, सतीश केडिया, अभिलाष साहू, राजन वर्मा, रमा खालखो, कमल ठाकुर, केदार पासवान, भीम कुमार, जगदीश साहू, निरंजन पासवान, राकेश किरण महतो, राजेश सिन्हा सन्नी, ऐनुल हक, अजय सिंह, अशोक वर्मा, नीतू सिंह, सुंदरी तिर्की, राजू राम, सुरीन राम, प्रभात कुमार आदि शामिल थे.

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