रांची.
झारखंड बायोडायवर्सिटी बोर्ड ने मंगलवार को बायोडायवर्सिटी एक्ट को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया. मुख्य अतिथि वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीख ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं तेजी से बढ़ रही हैं. 2024 में 400 से अधिक प्राकृतिक आपदाएं हुईं. 2023 में करीब 281 प्राकृतिक आपदा हुई थीं. पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण ऐसा हो रहा है. पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी हमारी है. आनेवाली पीढ़ी के लिए पृथ्वी और प्रकृति को बचायें. प्रकृति बचाने की सीख सभी धर्मों में दी जाती है. इसके संरक्षण की शुरुआत घर से होनी चाहिए. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) अशोक कुमार ने कहा कि बायोडायवर्सिटी का संरक्षण और संवर्द्धन जरूरी है. इसके टिकाऊ उपयोग पर काम करने की जरूरत है. बायोडायवर्सिटी के जो स्टेक होल्डर हैं, उनको भी इसका लाभ मिलना चाहिए. इसके लिए पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक कमेटी बनायी गयी है.115 बायोडायवर्सिटी साइट की हुई है खोज
राज्य बायोडायवर्सिटी बोर्ड के सदस्य सचिव संजीव कुमार ने कहा कि 115 बायोडायवर्सिटी साइट की खोज की गयी है. इसके संरक्षण का जिम्मा बायोडायवर्सिटी प्रबंधन समिति की होगी. वन क्षेत्र के बाहर भी कई जैव विविधता वाली चीजें हैं. इसका संरक्षण भी किया जायेगा. इस दिशा में काम हो रहा है. इसके लिए कई संस्थाओं के साथ एमओयू भी हुआ है.अच्छा काम करने वालों को सम्मान
इस मौके पर जैव विविधता संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय काम करने वालों को सम्मानित किया गया. इसमें सारंडा के डीएफओ अभिरूप सिन्हा, तकनीकी पदाधिकारी हरिशंकर लाल, इंटर्न जहाना परवीन, पल्लवी भारती, कमेटी के सदस्य मो आदिल अजीम, इंदु तिग्गा, नीता तिर्की, नीलम तिर्की, संजू देवी, रोहित कुमार दांगी व कमो देवी शामिल थीं. इस मौके पर कई पुस्तक और बुकलेट का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में पीसीसीएफ वन्य प्राणी पारितोष उपाध्याय भी मौजूद थे.
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