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झारखंड के कॉलेजों में रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए मिलेगी 10 लाख रुपये तक की राशि, ऐसे होगा चयन

Research In Jharkhand: झारखंड का उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपये तक के बजट की राशि का प्रावधान किया है. लेकिन इतनी बड़ी राशि लॉन्ग टर्म के लिए दी जाएगी.

रांची, संजीव सिंह : झारखंड के विश्व विद्यालयों व कॉलेजों में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत राशि देने का निर्णय लिया है. विभाग ने दो लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार किया है, ताकि शिक्षक/शोधार्थी/वैज्ञानिक इस पर कार्य कर सकते हैं. इसमें माइनर प्रोजेक्ट के तहत 12 माह के लिए दो लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इसी प्रकार मेजर प्रोजेक्ट के तहत 24 माह के लिए पांच लाख रुपये का बजट निर्धारित किया है. जबकि लांग टर्म प्रोजेक्ट के तहत 36 माह के लिए 10 लाख रुपये बजट का प्रावधान रखा गया है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. विभाग ने इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा जेसीएसटीआइ को दिया है.

जेसीएसटीआई साल में दो बार आवेदन मांगेगा

नयी गाइडलाइन के तहत झारखंड में रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए जेसीएसटीआइ द्वारा साल में दो बार आवेदन मांगेगा. यह माह प्रति वर्ष जुलाई व दिसंबर का होगा. प्रोजेक्ट लेनेवाले शिक्षक/वैज्ञानिक/शोधार्थी ऑनलाइन आवेदन व शोध प्रस्ताव जमा करेंगे. इसके लिए निर्धारित फॉर्मेट रहेगा. ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद इसकी हार्ड कॉपी ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि से 15 दिन के अंदर संबंधित संस्थान में जमा करना होगा. अगर हार्ड कॉपी 15 दिन के अंदर जमा नहीं होती है, तो संबंधित शोध प्रस्ताव व आवेदन को रद्द कर दिया जायेगा. शोध प्रस्ताव व फाइनल रिपोर्ट अंग्रेजी में ही जमा करने होंगे. एक बार में एक ही प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करना होगा.

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स्क्रीनिंग कमेटी स्क्रूटनी करेगी

जमा हुए आवेदन और शोध प्रस्ताव की स्क्रूटनी की जायेगी. इसके लिए जेसीएसटीआइ द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी बनायी जायेगी. शार्टलिस्ट उम्मीदवार को प्रजेंटेशन और इंटरैक्शन के लिए बुलाया जायेगा.

राशि का भुगतान दो समान किस्त में होगा

प्रोजेक्ट का चयन होने पर उम्मीदवार को राशि का भुगतान दो बार समान किस्त में होगा. जेसीएसटीआइ के पास अधिकार होगा कि वह शोध प्रस्ताव को लांग टर्म/मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट/माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट में स्थानांतरित कर सकता है. राशि का खर्च फील्ड वर्क/उपकरण/स्टटी मेटेरियल/कंटीजेंसी आदि में किया जायेगा.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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