झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) स्थित रोस्पा टावर के बेसमेंट में पार्किंग स्थल पर बनाये गये अवैध निर्माण (कॉमर्शियल दुकान) को एक सप्ताह के अंदर हटाने का निर्देश दिया. अदालत ने रांची नगर निगम को निर्देश देते हुए कहा कि वह रोस्पा टावर के बेसमेंट को खाली करा कर जवाब दायर करे. अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि पार्किंग स्थल का कॉमर्शियल उपयोग करना गलत है.
नगर आयुक्त व अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अदालत ने प्रार्थी की जमीन पर महिलाओं के लिए फीमेल लाउंज, जिसमें चेंजिंग रूम व ब्रेस्ट फीडिंग रूम बनाने के लिए रांची नगर निगम को स्थल चिह्नित करने का निर्देश दिया, जिस पर प्रार्थी रोस्पा टावर के मैनेजिंग डायरेक्टर सह बिल्डर राैशन कुमार सुरीन द्वारा निर्माण कराया जायेगा. यह भी कहा गया कि नगर निगम भवन का ओरिजनल नक्शा व पेनाल्टी राशि का चार्ट बना कर दो सप्ताह में पेश करे.
मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 27 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रतिवादी रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि प्रार्थी ने गलत शपथ पत्र दायर किया है. इसमें दिये गये तथ्य सही नहीं है. नगर निगम ने इंजीनियरों की टीम बना कर स्थल का निरीक्षण कराया था, जिसमें पाया गया कि बेसमेंट में पार्किंग स्थल का कॉमर्शियल उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने नगर आयुक्त की अदालत व अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश का बचाव किया. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पैरवी की.
रोस्पा टावर के नक्शे को जब स्वीकृति दी जा रही थी. उस समय यहां पार्किंग के लिए 1422 वर्गमीटर जगह रखी गयी थी. लेकिन बिल्डर ने नक्शा का विचलन कर मात्र 607 वर्गमीटर में ही पार्किंग रखी. वहीं 814 वर्गमीटर में बिल्डर ने दुकानों का निर्माण करवा दिया. आज भी पार्किंग के लिए चिह्नित इन जगह पर गिफ्ट आइटम, जूता, म्यूजिक सिस्टम, जेवर दुकान व होटल का संचालन किया जा रहा है.
रांची. रोस्पा टावर के पार्किंग पर हुए कब्जे को नगर निगम ने 72 घंटा में खाली करने का आदेश दिया है. इस संबंध में बुधवार को सहायक नगर आयुक्त द्वारा बिल्डर रौशन कुमार सुरीन को नोटिस जारी किया गया. जारी नोटिस में बिल्डर से कहा गया है कि वह कोर्ट के आदेश के आलोक में स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा निगम बलपूर्वक इसे तोड़ने की कार्रवाई करेगा. तोड़ने के कार्य में हुए खर्चे की वसूली भी निगम बिल्डर से ही करेगा. शाम को निगम की इंफोर्समेंट टीम रोस्पा टावर पहुंची और नोटिस की कॉपी को बिल्डिंग में जगह जगह पर चस्पा किया. निगम की टीम के पहुंचने पर दुकानदारों ने टीम को घेर लिया था.
वर्ष 2016 में ही निगम ने दिया था आदेश :रोस्पा टावर में नक्शा विचलन मामले को लेकर वर्ष 2016 में तत्कालीन नगर आयुक्त प्रशांत कुमार के कोर्ट ने आदेश पारित किया था. पारित आदेश में नगर आयुक्त ने कहा था कि बिल्डर ने चूंकि पार्किंग स्थल पर कब्जा कर लिया है. इसलिए इन्हें 52 लाख रुपये फाइन निगम को देना होगा. इसके अलावा पार्किंग में बने दुकानों को तोड़ कर वहां पार्किंग स्थल बनाना होगा.