रांची.
झारखंड के शिक्षा मंत्री और झामुमो के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन को शनिवार को विधानसभा परिसर में श्रद्धांजलि दी गयी. उनका पार्थिव शरीर सुबह 9:50 बजे रांची एयरपोर्ट से विधानसभा (साउथ पोर्टिको) पहुंचा. इस मौके पर सशस्त्र बलों ने उनके पार्थिव शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ओढ़ाकर सम्मान दिया. गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. वहीं, दो मिनट का मौन धारण किया गया और वाद्य यंत्रों को बजाकर दिवंगत शरीर को अंतिम सलामी दी गयी. सबसे पहले सुबह 10:10 बजे राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद एक-एक अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी.इन्होंने दी श्रद्धांजलि
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो सहित सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों ने भी रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि देनेवालों में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद महुआ माजी, सांसद जोबा मांझी, मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, कांग्रेस नेता बंधु तिर्की, नवीन जायसवाल, राजेश तिर्की, कुणाल षाड़ंगी, बादल पत्रलेख, नमन विक्सल कोंगाड़ी, कांग्रेस नेता शशिभूषण राय, मिथिलेश ठाकुर व आलोक दुबे के अलावा मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव माणिक लाल हेंब्रम आदि शामिल थे. इसके बाद 10:35 बजे उनका पार्थिव शरीर पैतृक आवास घाटशिला घोड़ाबांधा के लिए रवाना हो गया. उनका पार्थिव शरीर विधानसभा परिसर में करीब 45 मिनट तक रहा.
कौन क्या बोले
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन जी के आकस्मिक निधन का समाचार सुनकर मर्माहत हूं. वे झारखंड के एक लोकप्रिय नेता थे. उनका असमय जाना राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं. ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें.संतोष कुमार गंगवार, राज्यपाल, झारखंड
रामदास सोरेन झारखंड अलग राज्य निर्माण के एक सिपाही थे. वह सहज और सरल नेता थे. प्रखंड से उन्होंने आंदोलन शुरू किया. इसके बाद वह विधायक और फिर मंत्री बने. मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले. संकट की घड़ी में उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दे.
रबींद्र नाथ महतो, विधानसभा अध्यक्ष
झारखंड में एक के बाद एक निरंतर बड़े नेताओं के इस तरह चले जाने से राज्य को बड़ी क्षति पहुंच रही है. पहले शिबू सोरेन हम सभी को छोड़ कर चले गये और अब रामदास सोरेन हमसे असमय विदा ले लिये. ईश्वर रामदास सोरेन की आत्मा को शांति और उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दे.
सुबोधकांत सहाय, पूर्व केंद्रीय मंत्री
रामदास सोरेन की वास्तविक पहचान झारखंड आंदोलनकारी के तौर पर थी. वह जनता के नेता थे. काम करने और संघर्ष करने का जज्बा उनमें हमेशा रहा. उनके इस तरह से चले जाने से झारखंड को बड़ा नुकसान पहुंचा है. राज्य के लिए इससे बड़ी क्षति और नहीं हो सकती है.
बंधु तिर्की, वरिष्ठ नेता कांग्रेस
रामदास सोरेन जमीन से जुड़े नेता थे. उनका जाना झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार के लिए बड़ा नुकसान है. उनका जाना राज्य के लिए भी बड़ी क्षति है. वह जनता से जुड़े नेता थे. उनके असमय जाने से पूरा झारखंड एक बार पुन: शोक में डूब गया है. गुरुजी के साथ उन्होंने आंदोलन किया था.
महुआ माजी, राज्यसभा सांसद
रामदास सोरेन सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. उनकी इसी खासियत के चलते उन्हें मंत्री पद दिया गया था. कुछ दिनों पहले ही उनसे बातचीत हुई थी. वह हमेशा मुझे मार्गदर्शन देते रहते थे. इस लिहाज से यह मेरा व्यक्तिगत नुकसान भी है. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
राजेश तिर्की : विधायक, कांग्रेस
झारखंड आंदोलन के प्रखर नेता थे और दिशोम गुरु के सबसे विश्वासी लोगों में से शामिल थे. वह एक सरल व्यक्ति थे. उनके असमय जाने से झारखंड की राजनीति में एक बहुत बड़ा शून्य उभर कर आया है. यह घटना अत्यंत दुखद है. उनके अचानक जाने से बड़ा नुकसान हुआ है.
कमलेश सिंह, पूर्व पेयजल आपूर्ति मंत्री
रामदास सोरेन झारखंड की जमीन से जुड़े नेता थे. भोगनाडीह से आने के क्रम में देवघर में उनसे अभी हाल ही में मुलाकात हुई थी. वह अपने संघर्ष के दम पर नेता बने थे. आम जनता खासकर कोल्हान प्रमंडल में वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.बादल पत्रलेख, पूर्व कृषि मंत्रीB
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