रांची (प्रमुख संवाददाता). कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक मंगलवार को अहमदाबाद में शुरू हुई. इसमें प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, कांग्रेस कोटे के मंत्री समेत प्रदेश के 40 डेलिगेट्स हिस्सा ले रहे हैं. बैठक के दौरान प्रदीप यादव ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने पार्टी के राजनीतिक प्रस्ताव के प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराते हुए ओबीसी आरक्षण की उपेक्षा, आउटसोर्सिंग से नौकरियां-आरक्षण विरोधी व्यवस्था और देश की संपत्तियों का निजीकरण व कॉर्पोरेट शोषण जैसे विषयों को उठाया. कहा कि कई विधानसभाओं द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजे जाते हैं, लेकिन राज्यपालों और केंद्र द्वारा उन प्रस्तावों को लंबे समय तक ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. यह ओबीसी समाज के साथ घोर अन्याय है. उन्होंने मांग की कि इस मुद्दे पर राहुल गांधी के नेतृत्व में सभी राज्यों में जन-जागरूकता अभियान और व्यापक आंदोलन चलाया जाये, ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके. श्री यादव ने आउटसोर्सिंग को एक ऐसी व्यवस्था बताया, जो आरक्षण के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इन नौकरियों में आरक्षण लागू नहीं होता, जिससे वंचित वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित होना पड़ता है. श्री यादव ने देश की सार्वजनिक संपत्तियों को कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों के हवाले किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने गोड्डा जिले में स्थित अदाणी पावर प्लांट का उदाहरण देते हुए कहा कि किस प्रकार स्थानीय रैयतों और किसानों को रोजाना उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी अपने वादों से मुकर रही है और कानून को दरकिनार कर मुनाफा बटोर रही है.
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