रांची.
पथ निर्माण व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कहा कि शहरी विकास के लिए नदियों को प्राथमिकता की सूची में रखें. इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पथ निर्माण विभाग अपनी योजनाओं में ही आसपास की नदियों पर रीवर फ्रंट डेवलमेंट, एसटीपी निर्माण, प्लांटेशन और इको फ्रेंडली वातावरण बनाने पर कार्य कर रहे हैं. उन्हाेंने कहा कि हर शहर में अलग प्रकार की चुनौतियां हैं. इसलिए हर शहर के लिए स्पेसिफिक प्लान तैयार हो. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान तैयार करते वक्त भी इस बात का ध्यान रहना चाहिए कि बहुमुखी विकास में ही नदियों का भी विकास हो. श्री कुमार बुधवार को होटल बीएनआर चाणक्य में नमामि गंगे पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला का विषय झारखंड में शहरी नदियों का मैनेजमेंट प्लान तैयार करना था.नमामि गंगे के महानिदेशक ने ऑनलाइन संबोधित किया
कार्यक्रम को नयी दिल्ली से नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल ने ऑनलाइन संबोधित किया. एनएमसीजी के उप निदेशक नलिन श्रीवास्तव ने भारत सरकार का इस योजना के पीछे के विजन पर चर्चा की. इस कार्यक्रम में एनएमसीजी भारत सरकार के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान भारत सरकार के विशेषज्ञ, राज्य के सभी नगर निकाय के पदाधिकारी, सभी विभाग के पदाधिकारी, रांची के नगर आयुक्त सुशांत गौरव, बागवानी मिशन झारखंड की निदेशक माधवी मिश्रा, जेटीडीसी के प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन आदि ने भी अपनी बातें रखीं.
छोटी नदियों को भी नमामि गंगे परियोजना में जगह मिले
श्री कुमार ने कहा कि राज्य की छोटी नदियों को भी नमामि गंगे परियोजना में जगह मिलनी चाहिए. केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना का लाभ उन राज्यों को ज्यादा मिलती है, जहां गंगा का क्षेत्र ज्यादा है. झारखंड में सिर्फ 80 किमी ही गंगा का क्षेत्र है. इसलिए हमारी अन्य सहायक नदियों को इस योजना से जोड़ा जाये. झारखंड में नमामि गंगे परियोजना के निदेशक सूरज कुमार ने कहा कि सभी नगर निकाय इसके लिए अधिक से अधिक जन भागीदारी बढ़ायें और प्रत्येक स्टेक होल्डर को साथ लेकर चलें. उन्होंने सभी नगर निकायों, जल संसाधन विभाग, पर्यटन विभाग, पेयजल व स्वच्छता विभाग, उद्योग विभाग और एनएमसीजी के पदाधिकारियों से भी राय मांगी.
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