Presidential Election 2022 : राष्ट्रपति पद के यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देश की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. देश में खौफ का मौहाल है. एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव पहचान की नहीं, बल्कि विचारधारा की लड़ाई है. पहले मैं कह सकता था कि प्रजातंत्र खतरे में है, लेकिन आज रांची में कह सकता हूं कि प्रजातंत्र मृतप्राय हो गया है. आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा शुक्रवार को रांची पहुंचे थे. इसके बाद आज प्रेस को संबोधित किया. उनके साथ झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत अन्य मौजूद थे.
खतरे में है प्रजातंत्र
राष्ट्रपति पद के यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रांची में कहा कि पूरा देश भ्रमण कर मैं रांची पहुंचा हूं. रांची में ही मुझे अभियान का समापन करना था. विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में मैंने सभी से समर्थन का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का पद संविधान में सर्वोच्च है. देश की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. 29 जून को जब त्रिवेंद्रम से उन्होंने अभियान की शुरुआत की थी. तब ये कह सकता था कि प्रजातंत्र खतरे में है. आज रांची में कह सकता हूं कि प्रजातंत्र मृतप्राय हो गया है.
देश में है डर का माहौल
राष्ट्रपति पद के यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि 5 साल में वोट करना प्रजातंत्र नहीं है. संविधान के मूल्य कहां गये. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इस बार जो हो रहा है वो शुरुआत है. देश के लोग उद्वेलित हैं. देशभर में डर का वातावरण है. हर वर्ग डरा हुआ है. एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. इसे समझा जा सकता है कि कितना खौफ है.
विचारधारा की है लड़ाई
राष्ट्रपति पद के यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि देशभर में डर का वातावरण है. हर वर्ग डरा हुआ है. एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. इसे समझा जा सकता है कि कितना खौफ है. सरकार के खिलाफ वही खड़ा हो सकता है जो बेदाग हो और जिसमें लड़ने की हिम्मत हो. इसलिए ये राष्ट्रपति चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. ये पहचान की लड़ाई नहीं है. ये विचारधारा की लड़ाई है. संविधान की रक्षा करने वालों के साथ मैं खड़ा हूं.
Posted By : Guru Swarup Mishra