रांची. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में पिरामल फाउंडेशन की मदद से पहली बार फिजिकल लिटरेसी समर कैंप लगाया गया. कैंप की शुरुआत 13 मई को हुई थी. इसमें सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले कक्षा एक से लेकर 10 तक के बच्चे शामिल हुए. इस मौके पर बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय, मानसिक रूप से मजबूत और सामाजिक रूप से संवेदनशील बनाने पर जोर दिया गया. समर कैंप में कार्यक्रम व गतिविधियों का आयोजन कर बच्चों में समावेशी फिजिकल लिट्रेसी को बल दिया गया. कैंप की थीम हर दिन एक नया अनुभव और हर गतिविधि एक नयी सीख थी. वेबिनार की अध्यक्षता राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन सोरेंग ने की. उन्होंने प्रभावी कार्यक्रम व गतिविधियों के आयोजन पर बल दिया.
जुम्बा, नृत्य व सामूहिक व्यायाम में बच्चे हुए शामिल
पिरामल फाउंडेशन के डॉ हसान अहमद नूरी ने मार्गदर्शन दिया. समर कैंप में प्रतिदिन बच्चों को रोचक व अनोखी गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिला. इनमें जुम्बा, नृत्य व सामूहिक व्यायाम जैसी गतिविधियां भी हुईं, जिससे बच्चों में ऊर्जा व टीम भावना का संचार हुआ. पारंपरिक खेलों ने बच्चों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हुए उनके शारीरिक कौशल व सामंजस्य को भी मज़बूत किया.
प्लास्टिक कचरे से बनायी खेल सामग्री
कैंप ने बच्चों ने प्लास्टिक कचरे से खेल सामग्री बनायी और खुद का खेल डिजाइन किया. इससे रचनात्मकता और पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा मिला. बच्चों ने कला, नृत्य व आर्ट एंड क्राफ्ट के माध्यम से अपनी पहचान तथा भावना व्यक्त की. समर कैंप के दौरान बच्चों का माई खेल पासपोर्ट भी बनाया गया, जिसमें वे अपने खेल अनुभवों को दर्ज कर सकते हैं. सभी बच्चों को प्रोत्साहन प्रमाण पत्र किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है