रांची.
राज्य के शहरी क्षेत्र के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापक) को पिछले तीन वर्षों से वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है. इस कारण शहरी क्षेत्र के शिक्षकों को कम से कम 2016 रुपये व अधिकतम 2700 रुपये प्रतिमाह कम मानदेय मिला रहा है. सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली-2022 के अनुसार, शिक्षकों के मानदेय में प्रतिवर्ष चार फीसदी की बढ़ोतरी होनी है. इसके लिए शिक्षकों की सेवा का सत्यापन होना अनिवार्य है. वर्ष 2022 की नियमावली में केवल ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों के सेवा सत्यापन का ही प्रावधान था. ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों का सेवा सत्यापन संबंधित पंचायत के मुखिया से कराने का प्रावधान है. वहीं, शहरी क्षेत्र के शिक्षकों के सेवा सत्यापन का नियमावली में प्रावधान नहीं था. इस कारण शहरी क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं हो सकी. इसके बाद सरकार ने नियमावली में संशोधन कर शहरी क्षेत्र के शिक्षकों के सेवा सत्यापन का प्रावधान किया. इसके तहत मेयर को शहरी क्षेत्र के पारा शिक्षकों के सेवा सत्यापन का अधिकार दिया गया. लेकिन, नियमावली में प्रावधान होने के बाद भी शिक्षकों के मानदेय में अब तक बढ़ोतरी नहीं हाे सकी. राज्य में नगर-निगम व नगरपालिका का चुनाव नहीं होने के कारण शिक्षकों का सेवा सत्यापन नहीं हो पा रहा है. इस कारण मानदेय में बढ़ोतरी भी नहीं हुई है.झारखंड शिक्षा परियोजना ने तैयार किया है प्रस्ताव
झारखंड शिक्षा परियोजना ने नगर-निगम चुनाव होने तक शिक्षकों के सेवा सत्यापन का अधिकार जिला शिक्षा अधीक्षक को देने का प्रस्ताव तैयार किया है. इस संबंध में आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद शहरी क्षेत्र के विद्यालयों के शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी होगी. शिक्षकों को मानदेय बढ़ोतरी की राशि जोड़ कर दी जायेगी.
मानदेय में अधिकतम 900 तक की बढ़ोतरी
राज्य के पारा शिक्षकों को तीन स्लैब में मानदेय दिया जाता है. इनमें प्रशिक्षित शिक्षक, आकलन परीक्षा पास शिक्षक व झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल शिक्षक शामिल हैं. कक्षा एक से पांच व छह से आठ के लिए अलग-अलग मानदेय निर्धारित है. वहीं, कक्षा छह से आठ के झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल पारा शिक्षक के मानदेय में अधिकतम 900 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में शहरी क्षेत्र के स्कूल में कक्षा छह से आठ के शिक्षकों को प्रतिमाह 2700 रुपये कम मानदेय मिल रहा है. वहीं, सबसे कम 672 रुपये की बढ़ोतरी कक्षा एक से पांच के प्रशिक्षित शिक्षक के मानदेय में हुई है. ऐसे में इन शिक्षकों को प्रतिमाह 2016 रुपये कम मानदेय मिल रहा है.
सरकार से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की मांग
झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे ने शहरी क्षेत्र के शिक्षकों की मानदेय वृद्धि की प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पिछले तीन वर्षों से शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि नहीं हुई है. इससे शिक्षकों में आक्रोश है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

