23.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

पंकज मिश्रा ने इन दो लोगों को दी थी टेंडर न डालने की धमकी, ऐसे हुआ खुलासा, जानें पूरा मामला

बरहरवा टोल विवाद की जांच कर पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को 24 घंटे में क्लीनचिट देनेवाले पुलिस अफसरों की परेशानियां बढ़ गयी है. इडी ने नमूनों को संबंधित व्यक्तियों के रिकाॅर्ड किये गये फोन कॉल और वायरल ऑडियो, वीडियो को जांच के लिए भेजा था

विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) की रिपोर्ट में पंकज मिश्रा द्वारा शंभु नंदन को टेंडर नहीं डालने की धमकी देने की पुष्टि हुई है. इसके अलावा स्टीमर दुर्घटना पर सवाल उठाने के लिए आयुक्त को भी धमकाने की पुष्टि हुई है. इडी द्वारा रिकाॅर्ड किये गये इस फोन कॉल में पंकज मिश्रा आयुक्त को यह कह रहा है कि वह उपायुक्त की जांच रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठायें.

उपायुक्त द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को ही वह स्वीकार कर लें. वहीं दूसरी ओर, बरहरवा टोल विवाद की जांच कर पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को 24 घंटे में क्लीनचिट देनेवाले पुलिस अफसरों की परेशानियां बढ़ गयी है. प्रवर्तन निदेशालय ने साहिबगंज में अवैध खनन और स्टीमर दुर्घटना की जांच के दौरान पंकज मिश्रा, शंभु नंदन, तत्कालीन आयुक्त चंद्रभूषण कश्यप सहित अन्य की आवाज का नमूना लिया था.

इडी ने इन नमूनों को संबंधित व्यक्तियों के रिकाॅर्ड किये गये फोन कॉल और वायरल ऑडियो, वीडियो को जांच के लिए भेजा था. फोरेंसिक लैब ने इसमें से पंकज मिश्रा और शंभु नंदन के बीच बरहरवा टेंडर विवाद के दौरान वायरल हुए ऑडियो-वीडियो की जांच कर अपनी रिपोर्ट इडी को भेज दी है. प्रयोगशाला ने पंकज मिश्रा और तत्कालीन आयुक्त के बीच स्टीमर दुर्घटना की जांच रिपोर्ट के मुद्दे पर हुई बातचीत के कॉल रिकॉर्ड में भी दोनों की आवाज होने की पुष्टि कर दी है.

इडी ने पंकज की आवाज का नमूना उससे पूछताछ के दौरान लिया था. आयुक्त की आवाज का नमूना भी उनका बयान दर्ज करने के क्रम में लिया गया था. बरहरवा कांड के शिकायतकर्ता शंभु नंदन की आवाज का नमूना भी उनसे घटना के सिलसिले में जानकारी लेने के दौरान ली गयी थी.

कुछ और महत्वपूर्ण लोगों के कॉल रिकॉर्ड से संबंधित जांच रिपोर्ट अभी प्रयोगशाला ने नहीं दी है. पंकज मिश्रा और शंभु नंदन के बीच बातचीत का वायरल ऑडियो बरहरवा टोल विवाद से संबंधित है. इसमें पंकज मिश्रा, शंभु नंदन को टोल का टेंडर डालने से मना कर रहा है. साथ ही टेंडर डालने की स्थिति में उसे इसकी सजा भुगतने की धमकी दे रहा है. इडी ने साहिबगंज में अवैध खनन की जांच के लिए बरहरवा टोल विवाद के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज किया था.

डीएसपी ने 24 घंटे के अंदर ही सुपरविजन नोट जारी कर पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम को क्लीनचिट दे दिया था. हालांकि मामले के अनुसंधानकर्ता सरफुद्दीन खान ने इडी द्वारा की गयी पूछताछ के दौरान जांच तर्कसंगत नहीं होने की बात स्वीकार की. डीएसपी प्रमोद मिश्रा को समन जारी होने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इडी के अधिकार को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि राज्य की जांच एजेंसियां, केंद्रीय जांच एजेंसियों की मर्जी के हिसाब से किसी को दोषी या निर्दोष नहीं करार दे सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज करते हुए हाइकोर्ट जाने का अवसर दिया. राज्य सरकार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. लेकिन कोर्ट से इडी की कार्रवाई पर स्थगनादेश नहीं मिला है. इस बीच विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गयी है कि पुलिस ने बरहरवा टोल विवाद की जांच में कुछ खास अभियुक्तों को बचाने के लिए ‘साइंटिफिक एविडेंस’जुटाने की कोशिश ही नहीं की. विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने इडी द्वारा भेजे गये उस कॉल रिकॉर्ड में भी पंकज मिश्रा और आयुक्त की आवाज होने की पुष्टि कर दी है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें