रांची (वरीय संवाददाता). क्लाइमेट चेंज का असर झारखंड में भी दिख रहा है. झारखंड के जिलों में हीट वेव की स्थिति पर सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की. संस्था ने पिछले 35 वर्षों (1990-2024 तक) के मौसम केंद्र से प्राप्त डाटा पर रिपोर्ट तैयार की है.
रिपोर्ट में पाया गया है कि इस अवधि में राज्य में सबसे अधिक गर्मी गढ़वा जिले में पड़ी है. वहां इस दौरान 1188 दिन (प्रतिवर्ष औसतन 34 दिन) हीट वेव चला है. वहीं, इस अवधि में पलामू में 993, लातेहार में 935 तथा सिमडेगा जिले में 827 दिन हीट वेव चला है. ये चारों जिले हीट वेव की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं. वहीं, इस अवधि के दौरान सबसे कम हीट वेव गोड्डा और साहिबगंज में चला. यहां 35 वर्षों में केवल 87 दिन हीट वेव चला है. मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि कार्बन उत्सर्जन बढ़ने के कारण गर्मी बढ़ रही है. अब साल के नौ माह गर्मी रह रही है. यह चिंताजनक स्थिति है.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब मैदानी क्षेत्रों का तापमान 40 डिग्री सेसि या उससे अधिक हो जाये, तो उसे हीट वेव कहते हैं. पठारी इलाकों के लिए यही तापमान 30 डिग्री सेसि है. तापमान सामान्य से सात डिग्री सेसि या उससे अधिक हो जाये, तो उसे भी हीट वेव कहते हैं. जिन क्षेत्रों में सामान्य तापमान 40 डिग्री सेसि रहता है, वहां सामान्य से चार से पांच डिग्री सेसि अधिक तापमान हो जाने पर उसे हीट वेव कहा जाता है. किसी क्षेत्र में 45 डिग्री सेसि या उससे अधिक तापमान हो जाने पर हीट वेव कहते हैं.
रांची में 513 दिन चला हीट वेव : पिछले 35 वर्षों के दौरान राजधानी रांची में 513 दिन हीट वेव चला. रांची से अच्छी स्थिति बोकारो, धनबाद, देवघर, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला आदि जिलों में रही. पूर्वी सिंहभूम की स्थिति भी रांची से अच्छी रही. रांची में मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण हीट वेव कई गर्म जिलों से अधिक चला.35 साल में किस जिले में कितना हीट वेव
जिला – हीट वेव दिनबोकारो-454चतरा-667
धनबाद-395देवघर -275दुमका -203गढ़वा – 1188
गिरिहीड – 479गोड्डा – 87गुमला – 724
हजारीबाग – 556जामताड़ा- 312खूंटी – 655कोडरमा – 626
लातेहार – 935लोहरदगा – 807पाकुड़ – 203पलामू -993प सिंहभूम – 538
पू सिंहभूम – 406रामगढ़ – 513रांची – 513साहिबगंज – 87
सरायकेला – 432सिमडेगा – 827रिपोर्ट में क्या है विशेष
– 35 वर्षों में झारखंड में 590 दिन चला हीट वेव
– मई में 275, अप्रैल में 183 तथा जून में 132 दिन चला हीट वेव- 35 वर्षों में हीट वेव में करीब 300 फीसदी की वृद्धि हुई– 2023 में हीट वेव से दुनिया में 62862 लोगों की हुई मौत
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
हीट वेव से मजदूरों की क्षमता घटती है. इससे देश के जीडीपी को नुकसान होता है. 25 फीसदी तक दुग्ध उत्पादन पर भी असर पड़ता है. राज्य को एक कुलिंग प्लान की जरूरत है.रमापति कुमार, सीइओ, सीड
मौसम में बदलाव के प्रभाव की जानकारी लोगों को देने की जरूरत है. अब बहुत इंतजार करने का समय नहीं है. बढ़ते तापमान को रोकने को लेकर प्रयास करना बहुत जरूरी है.एके रस्तोगी, चेयरमैन, जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स
मौसम में बदलाव को लेकर राज्य सरकार स्टेट एक्शन प्लान बना रही है. स्थिति अच्छी नहीं है. इस दिशा में मिलकर प्रयास करने की जरूरत है.रवि रंजन, एपीसीसीएफ, कैम्पा कार्बन उत्सर्जन के कारण गर्मी बढ़ रही है. अब तो नौ माह गर्मी रहती है. मौसम पूर्वानुमान को लेकर प्लानिंग करने की जरूरत है.
अभिषेक आनंद, प्रभारी मौसम केंद्रडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है