रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने सीमा पात्रा की ओर से दायर क्रिमिनल अपील पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने पीड़िता नाैकरानी (सुनीता) को नोटिस जारी किया. साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तिथि निर्धारित की. सीमा पात्रा पर अपनी नौकरानी सुनीता के साथ क्रूरता व अमानवीय व्यवहार करने का आरोप है. इस मामले में निचली अदालत से डिस्चार्ज पिटीशन खारिज किये जाने को सीमा पात्रा ने चुनौती दी है. सुनवाई के दाैरान मामले के सूचक की ओर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एससी-एसटी अधिनियम की धारा-15ए के तहत मामले में पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए. सूचक विवेक बास्की की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि मामले को लेकर सीमा पात्रा के खिलाफ अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसमें पीड़िता नौकरानी सुनीता खाखा ने आरोप लगाया था कि सीमा पात्रा ने उन्हें कई दिनों तक भूखे-प्यासे कमरे में बंद रखा था. रॉड से मार कर उसके दांत तोड़ दिये थे. उन्होंने गर्म तवे से शरीर के कई हिस्सों में दागा था. सुनीता पर हो रहे अत्याचार की जानकारी किसी तरह कार्मिक विभाग के अफसर विवेक बास्की को मिली थी. इसके बाद उन्होंने उपायुक्त के पास शिकायत दर्ज करायी. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस ने सुनीता को मुक्त कराया था.
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