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Thursday, March 28, 2024

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झारखंड राज्य का नया प्रतीक चिह्न जारी, सीएम हेमंत ने कहा- बदलाव का सारथी है नया प्रतीक चिह्न

झारखंड राज्य का नया प्रतीक चिह्न जारी किया गया है. 15 अगस्त से पूरे राज्य में अब इसी प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल किया जायेगा.

रांची : झारखंड राज्य का नया प्रतीक चिह्न जारी किया गया है. 15 अगस्त से पूरे राज्य में अब इसी प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल किया जायेगा. आर्यभट्ट सभागार में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने झारखंड के नये प्रतीक चिह्न का लोकार्पण किया.

मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखंड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया. हजारों वीरों ने अपनी कुर्बानी दी. आजादी के बाद से नये भारत के निर्माण में झारखंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यहां के श्रमिक अपने श्रम से अन्य राज्यों में समृद्धि ला रहे हैं. आदिवासी बहुल यह राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है. राज्य का नया प्रतीक चिह्न बदलाव का सारथी है. प्रतीक चिह्न झारखंड की भावना को प्रतिबिंबित करता है.

मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर बना प्रतीक चिह्न : बताया गया कि प्रतीक चिह्न का पूरा डिजाइन मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर तैयार किया गया है. कार्यक्रम में मंत्री चंपई सोरेन, रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी एमवी राव, प्रधान सचिव हिमानी पांडे समेत कई अधिकारी व नेता उपस्थित थे.

प्रतीक चिह्न राज्य के स्वाभिमान से जुड़ा है : रांची. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि प्रतीक चिह्न राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है. इसमें राज्य की संस्कृति, प्राकृतिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है.

कोरोना रिपोर्ट में विलंब न हो : राज्यपाल ने झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में भी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जांच की गति को और बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में विलंब न हो, इसका ध्यान रखना चाहिए. केंद्र सरकार द्वारा सभी दुकानदारों, फल एवं सब्जी विक्रेताओं की कोरोना जांच करने के लिए कहा गया है. हमें इस कार्य को शीघ्र करना होगा, जिससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जा सके.

ईश्वर अभी मंदिर में नहीं अस्पतालों में उपचार कर रहे हैं : राज्यपाल ने कहा कि आज हमारे समक्ष एक बड़ी चुनौती है कि हम किस प्रकार लोगों को संक्रमण से बचा सकें. संक्रमित व्यक्तियों की जान की रक्षा की जा सके अथवा उनका उचित उपचार हो सके. इस अवसर पर मैं अपने कोरोना योद्धाओं यथा डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ, स्वच्छताकर्मी, पुलिस की वीरता को सलाम करती हूं. वर्तमान में कहा भी जा रहा है कि ईश्वर अभी मंदिरों में नहीं, अस्पतालों में मरीजों का उपचार कर रहे हैं.

क्या है प्रतीक चिह्न में…

अशोक स्तंभ : राष्ट्र का प्रतीक चिह्न होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक. इस चिह्न को रेखांकित करने का तात्पर्य स्पष्ट है झारखंड भी है देश की समृद्धि में भागीदार. झारखंड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है.

झारखंड का लोक जीवन व संस्कृति : झारखंड की समृद्ध एवं अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को लोगों के जेहन में प्रतिबिंबित करता है.

पलाश के फूल : राज्य का राजकीय पुष्प. इसके सुर्ख लाल रंग के फूल झारखंड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं. लाल रंग क्रांति का प्रतीक भी है, जो यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है.

हरा रंग : झारखंड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है. यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक.

हाथी : राज्य के राजकीय पशु हाथी को दिखाया गया है. यह राज्य की अलौकिक प्राकृतिक संपदा और समृद्धि का घोतक है. हाथी अनुशासन प्रिय भी होते हैं. ऐसे ही यहां के लोग भी अनुशासन प्रिय हैं. हां छेड़छाड़ करने की स्थिति में संघर्ष में भी पीछे नहीं रहते.

Post by : Pritish Sahay

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