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दिल्ली में आलाकमान के साथ बैठक कर रांची लौटे मंत्री आलमगीर आलम, बोले- सीट शेयरिंग को लेकर नहीं हुआ कोई फैसला

दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक के बाद गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम रांची लौट आये. एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि फिलहाल सीट शेयरिंग को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. वहीं, लोकसभा चुनाव में नौ सीटों पर चुनाव लड़ने की बात को सिरे से खारिज किया.

Jharkhand News: दिल्ली में आलाकमान के साथ बैठक करने के बाद झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम गुरुवार 17 अगस्त, 2023 की शाम विमान से रांची के बिरसा मुंडा एयरपाेर्ट पहुंचे. रांची पहुंचने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जल्द ही झारखंड के 20 प्रदेश स्तरीय नेता और कार्यकर्ताओं को आलाकमान द्वारा बुलाया जाएगा. सभी के साथ चर्चा की जाएगी और उसके बाद आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर निर्णय लिया जाएगा.

संगठन के कमजोर पक्ष को मजबूत करने पर जोर

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपने सहयोगी दल I-N-D-I-A जो नई गठबंधन बनी है, उसके सम्मान का भी ख्याल रखेगी. उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि फिलहाल आलाकमान की तरफ से यह दिशा-निर्देश दिया गया है जहां पर भी कांग्रेस का संगठन कमजोर है उसे पहले मजबूत करें. राज्य के 24 जिलों में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संदेश भेजें कि आगामी चुनाव को लेकर अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच तक पहुंचना है, ताकि जब सीट शेयरिंग पर निर्णय ले लिया जाए, तो अन्य सहयोगी पार्टियों के लिए भी कांग्रेस अपनी मेहनत पर सीट जितवा सके.

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नौ सीटों पर चुनाव लड़ने की बात को किया खारिज

उन्होंने कहा कि नौ सीटों पर चुनाव लड़ने की बात को खारिज करते हुए कहा कि अभी इसको लेकर किसी भी तरह की चर्चा आलाकमान के नेताओं से नहीं हुई है. कहा कि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि नौ सीटों पर सहमति बनी. इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरफ से यह कहा जा रहा है कि इस साल कांग्रेस को नौ सीटें मिलनी चाहिए, लेकिन अभी सीट शेयरिंग को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि नई गठबंधन के तहत कई नई पार्टियों का भी समावेश हुआ है. इसलिए सभी पार्टियों से विचार करने के बाद ही सीट शेयर पर निर्णय लिया जाएगा.

कांग्रेस कोटे के मंत्री को मिली जिम्मेदारी

मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता के बीच पहुंचने के लिए आलाकमान की तरफ से जन अदालत लगाने की बात कही गई है. हर मंत्री को छह-छह जिले की जिम्मेदारी दी गई है. इसीलिए अब हर मंत्री राज्य के हेड क्वार्टर में बैठकर सभी जिले से आये समस्याओं के समाधान को लेकर जन अदालत लगाकर लोगों की मदद करेंगे.

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प्रदेश के नेताओं के साथ बैठे राहुल-खरगे, बनी रणनीति, नेताओं को मिला टास्क

बता दें कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस के आला नेता बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठे. झारखंड के संदर्भ में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनी. प्रदेश पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में चुनौतियों से निबटने को लेकर जमीनी स्तर पर काम करने का निर्देश आला नेताओं ने दिये. प्रदेश के नेताओं को टास्क मिला कि बूथ से लेकर प्रदेश स्तर पर कार्यकर्ताओं को जोड़ें. लोकसभा स्तर पर जिन नेताओं को जिम्मेवारी मिली है, उनको योजना के साथ कार्य पूरा करने को कहा गया है. इसके साथ ही कैंपेन कमेटी चुनावी अभियान में जुटेगी.

सरकार और संगठन अलग

बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि आप सरकार में हैं. ऐसे में चुनौती बड़ी है. सरकार और संगठन अलग-अलग चीज है. इश्यू पर काम करने से संगठन बढ़ेगा. लोगों की समस्या से जुड़ने की ज्यादा कोशिश हो. ओबीसी, वंचित लोगों और स्थानीय लोगों के लिए काम करें. संगठन का बेसिक मुद्दों पर ही आधारित होता है. सरकार को भी संगठन बताये कि क्या करना होगा.

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राहुल, प्रियंका और मल्लिकार्जुन जल्द आयेंगे झारखंड

वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे का कहना था कि प्रदेश के कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का ख्याल रखना जरूरी है. कार्यकर्ताओं की बात सुनी जानी चाहिए. गांव-गांव में संगठन पहुंचायें और मजबूत करें. प्रभारी अविनाश पांडेय ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश में अनकही आपातकाल की स्थिति है. आतंक का शासन कायम किया जा रहा है, लोकतंत्र में आम लोगों के अधिकार छीने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष व राहुल गांधी ने कई निर्देश प्रदेश के नेताओं को दिये हैं. प्रदेश भी 2024 की चुनौती से निबटने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी झारखंड के दौरे पर आयेंगे.

मंत्रियों के काम पर नाराजगी, कार्यकर्ताओं की सुनने को कहा

महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस के मंत्रियों के कामकाज पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं से दूरी ना बनायें. कार्यकर्ता आपको मंत्री बना सकते हैं, तो आपकी जगह दूसरे को भी बना सकते हैं. संगठन को नजरअंदाज ना करें. बैठक में तय हुआ कि जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक जनसुनवाई करें. इसमें कार्यकर्ताओं की समस्या सुनें. प्रभारी अविनाश पांडेय की नाराजगी थी कि यह सब पहले तय हुआ, लेकिन इसको गंभीरता से नहीं लिया गया.

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पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में शामिल हुए ये नेता

इस बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के अलावा प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, जलेश्वर महतो, सांसद गीता कोड़ा, राज्यसभा सांसद धीरज साहू, विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, डॉ अजय कुमार, विधायक दीपिका पांडेय सिंह, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु, सुखदेव भगत, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, फुरकान अंसारी सहित कई नेता बैठक में शामिल थे.

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