रांची. खान निदेशक से लेकर डीएमओ तक को जुर्माना वसूलने का अधिकार दे दिया गया है. इस बाबत खान विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार, खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 यथा संशोधित धारा 21(3), 21(4) एवं 21(5) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार दिया गया है.
क्या है प्रावधान
खान निदेशक (संपूर्ण झारखंड), अपर निदेशक खान (संपूर्ण झारखंड), उपनिदेशक खान (अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत) व जिला एवं सहायक खनन पदाधिकारी (अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत) को अधिकार दिया गया है. धारा 21 (3) के अनुसार, बिना उचित कानूनी प्राधिकरण के खनिज को उठाना या परिवहन करना अवैध खनन माना जाता है. धारा 21(4) किसी भी खनिज उपकरण, वाहन या किसी अन्य वस्तु को जब्त करने की शक्ति प्रदान करती है, जिसका उपयोग अवैध खनन के लिए किया गया है. धारा 21(5) अपराध के लिए दंड का प्रावधान करती है, जिसमें जुर्माना और कारावास की सजा देने का प्रावधान है. अधिसूचना के साथ ही ये सारी शक्तियां निदेशक से लेकर डीएमओ तक मिल गयी हैं.
38484 करोड़ की वसूली के लिए दोबारा डिमांड नोटिस किया जायेगा जारी
गौरतलब है कि वर्ष 2017-18 में पर्यावरण स्वीकृति से अधिक खनन करने पर 189 कंपनियों पर 38484 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए डिमांड नोट जारी किया गया था. इसमें 842 करोड़ रुपये की वसूली भी हो गयी. जुर्माना कोल इंडिया की कंपनियों और सेल पर भी किया गया था, जिसे हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. हाइकोर्ट द्वारा कहा गया था कि डीएमओ के पास जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है. क्योंकि, राज्य सरकार ने गजट के माध्यम से जिला खनन पदाधिकारियों को वसूली की शक्ति नहीं दी है. कोर्ट ने डिमांड नोटिस को रद्द कर दिया और वसूली गयी राशि को सात प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया. अब इसी आदेश के बाद राज्य सरकार ने खान निदेशक से लेकर डीएमओ को अधिकार देने संबंधी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. गजट नोटिफिकेशन के बाद जिन कंपनियों को पूर्व में डिमांड नोटिस भेजा गया था, उन्हें दोबारा भेजा जायेगा और राशि की वसूली की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है