रांची. भारत सरकार के मौसम विभाग ने इस साल अधिक गर्मी पड़ने व लू चलने की संभावना व्यक्त कर राज्यों को तैयारी करने का निर्देश दिया है. इसके मद्देनजर गुरुवार को अभियान निदेशक अबु इमरान ने राज्य के सभी उपायुक्तों को गर्मी और लू से बचाव और प्रबंधन के लिए तैयारी करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि आम लोगों को लू से बचाव के लिए जिला त्वरित कार्य योजना तैयार करें. संवेदनशील आबादी की पहचान करके वहां विशेष सुरक्षा के उपाय करें. इसके अलावा जिला अस्पताल में इमरजेंसी हीट स्ट्रोक यूनिट स्थापित की जाये. दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखें.
समन्वय स्थापित कर करें काम
उन्होंने कहा कि जिले के सभी विभाग अपने सरकारी संस्थान और गैर सरकारी संस्थानों से समन्वय स्थापित करें, जिससे बचाव की कार्य योजना बनायी जा सके. इसके अलावा आमलोगों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करें. उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग हीट स्ट्रोक और प्रबंधन के लिए तैयारी कर रहा है. जिलों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में आवश्यक दवा, फ्लूड्स, ओआरएस पैकेट और कूलिंग ट्रीटमेंट की सुविधा सुनिश्चित करायी जा रही है. हीट वेव के प्रबंधन व प्रोटोकॉल का पालन करने लिए सभी डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
108 एंबुलेंस को दिये गये निर्देश
राज्य की सभी 108 एंबुलेंस को हीट वेव की आपात स्थिति में कोल्ड पैक, आइस क्यूब, टॉवल और हाइड्रोजन सपोर्ट को सुसज्जित रखने को कहा गया है. वहीं, 104 डेडिकेटेड चिकित्सीय सलाह हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने वालों को लू से बचाव के उपाय की जानकारी दी जाये. सीएचओ को हीट वेव से प्रभावित व्यक्तियों की प्रारंभिक पहचान व उपचार की व्यवस्था करने को कहा गया है.
गर्भवती महिला और गंभीर रूप से बीमार पर विशेष निगरानीगर्भवती महिला, हृदय रोगी, शुगर के मरीज, बीपी के मरीज और कुपोषित बच्चों की विशेष निगरानी का निर्देश दिया गया है. बताया गया है कि ये सभी हीट स्ट्रोक की अतिसंवेदनशील श्रेणी में आते हैं. ऐसे में शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में हीट हेल्थ डेस्क स्थापित किया जाये, जहां से आम आदमी लू से बचाव और उपचार की जानकारी प्राप्त कर सके.ये निर्देश दिये गये
– राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट किया जाये– चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ को तैयार रखा जाये
– जिला अस्पताल में इमरजेंसी हीट स्ट्रोक यूनिट स्थापित की जाये– एंबुलेंस चालक और पारा मेडिकल को थर्मल इमरजेंसी रिस्पांस का प्रशिक्षण दें
-निर्माण स्थान, ईंट भट्टा, बाजार और संवेदनशील स्थानों पर मोबाइल यूनिट से मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा मिले-प्राथमिक उपचार और ओआरएस उपलब्ध करायें– लू से प्रभावित व्यक्तियों की नियमित जांच व फॉलो-अप हो- सरकारी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक रिपोर्टिंग सिस्टम सर्विलांस लागू करें
– निःशुल्क ओआरएस और हाइड्रेशन पैक उपलब्ध करायें– सार्वजनिक स्थलों पर विशेष जागरूकता अभियान चलायें
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