रांची. रिम्स शासी परिषद (जीबी) की 59वीं बैठक में मुख्य एजेंडा की जगह बिल और टेंडर निबटाने पर चर्चा की गयी. पुराने टेंडर को रद्द कर नये सिरे से निविदा की प्रक्रिया कैसे शुरू की जाये, इस पर विमर्श किया गया. वहीं, मनचाहे लोगों को निविदा मिले, इसके लिए तमाम जतन किये गये. मेडाल और हेल्थ मैप का बिल पास हो जाये, इसके लिए जीबी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जोर देते रहे. हालांकि, प्रर्याप्त बिल नहीं मिलने के कारण महालेखाकार की टीम ने काफी पहले ही जांच करने से हाथ खड़ा कर दिया है. इधर, रिम्स की सुरक्षा का जिम्मा 50 फीसदी निजी सुरक्षा एजेंसी को देने पर भी जोर दिया गया. अन्य सदस्य विरोध करते रहे कि जब होमगार्ड के जवान तैनात हैं, तो फिर निजी एजेंसी को देने का क्या मतलब है. वहीं, रिम्स के प्रत्येक बिल को स्वास्थ्य विभाग में भेजने का निर्देश भी दिया गया है. ऐसे में अब बिल पास होने के लिए सप्लायर को वहां चक्कर लगाना पड़ेगा.
सदस्यों के प्रतिनिधि की रही दखलंदाजी
रिम्स में शासी परिषद के सदस्यों के अलावा आमंत्रित सदस्यों को भी बुलाया गया था, लेकिन सदस्यों के प्रतिनिधि बीच-बीच में सवाल उठाते रहे. हालांकि, उनको यह अधिकार नहीं है कि वह जीबी में शामिल हों और सवाल-जवाब करें.टूटती रही जीबी बैठक की मर्यादा
शासी परिषद की बैठक की मर्यादा भी बीच-बीच में टूटती रही. बैठक के दौरान कुछ एसोसिएशन के सदस्यों को बुलाकर उनसे मांग पत्र भी लिया गया. मांग पत्र पर चर्चा भी की गयी. वहीं, अन्य किसी को बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

