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मध्याह्न भोजन योजना : एक साल से छात्रों को नहीं मिला कुकिंग कॉस्ट, झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने शुरू की कार्रवाई

झारखंड में बीते एक साल से अधिक समय से कुकिंग कॉस्ट की राशि नहीं देने को झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने सवाल पूछा है कि छात्रों को सितंबर 2020 से कुकिंग कॉस्ट की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है

jharkhand mid day meal latest news रांची : मध्याह्न भोजन योजना के तहत झारखंड में बीते एक साल से अधिक समय से कुकिंग कॉस्ट की राशि नहीं देने को झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर पूछा है कि छात्रों को सितंबर 2020 से कुकिंग कॉस्ट की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? मामले में क्या जिम्मेवार पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है?

आयोग ने यह भी जानना चाहा है कि सितंबर 2020 से अब तक कुकिंग कॉस्ट की राशि और अंडा या फल के बदले दी जानेवाली राशि के राज्यभर में भुगतान की क्या स्थिति है? कोरोना काल में संक्रमण की रोकथाम के लिए मध्याह्न भोजन योजना बंद है. इसके बदले सरकार की ओर से लिये गये निर्णय के आलोक में पहली से पांचवीं तक के छात्रों को प्रतिदिन 100 ग्राम चावल और छठी से आठवीं तक के छात्रों को प्रतिदिन 150 ग्राम चावल देने का प्रावधान है.

साथ ही दाल, सब्जी, तेल एवं मसाले के लिए कुकिंग कॉस्ट की राशि क्रमश: 4.48 रुपये व 6.67 रुपये प्रतिदिन देने का प्रावधान है. लेकिन, शिक्षा विभाग ने सितंबर 2020 से राशि का भुगतान नहीं किया है. यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 की धारा 5 (1) का उल्लघंन है. मध्याह्न भोजन नियमावली के नियम 9(1) के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता का प्रवाधान है.

Posted by : Sameer Oraon

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