राजेश कुमार, रांची.
रांची सहित पूरे झारखंड में लाखों ऐसे वाहन हैं, जो बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के सड़कों पर दौड़ रहे हैं. वर्ष 2025 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में 10.63 लाख वाहन प्रदूषण प्रमाण के मामले में डिफॉल्टर हैं. यानी इतने वाहन बिना प्रदूषण प्रमाण के सड़कों पर दौड़ रहे हैं. जबकि, 2025 में झारखंड में कुल 5.66 लाख लोगों ने प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाया है. इससे 1.97 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है. जबकि, रांची में 2.48 लाख वाहन प्रदूषण प्रमाण के मामले में डिफॉल्टर हैं. वहीं, इस अवधि में 1.02 लाख लोगों ने प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाया है. इससे आमदनी 35.93 लाख रुपये हुई है. झारखंड में कुल 123 और रांची में कुल 28 पॉल्यूशन सेंटर हैं. यहां पर लोग वाहनों के प्रदूषण की जांच करा सकते हैं.अनिवार्य दस्तावेज है प्रदूषण प्रमाण पत्र
प्रदूषण प्रमाणपत्र एक अनिवार्य दस्तावेज है, जो यह बताता है कि वाहन प्रदूषण के मानकों को पूरा करता है. बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के वाहन चलाना अपराध है. इसके लिए जुर्माना किया जाता है. परिवहन विभाग के संयुक्त परिवहन आयुक्त प्रवीण प्रकाश ने कहा कि हर वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य है. इससे यह पता चलता है कि वाहन प्रदूषण के मानकों को पूरा कर रहे हैं या नहीं. जिन वाहनों में प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है, ऐसे वाहनों पर 1,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है