रांची. दो दिवसीय अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन रविवार से नयी दिल्ली में शुरू हुआ. सम्मेलन में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने भी हिस्सा लिया. इसमें विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भाग ले रहे हैं. भारतीय संविधान और विधायी संस्थाओं के आकार लेने में स्वतंत्रता सेनानी वीर विट्ठल भाई पटेल के योगदान पर चर्चा हुई. इस अवसर पर विट्ठल भाई पटेल के जीवन पर एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी है. झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष श्री महतो ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा सभ्यता के प्रारंभ से ही हमारे सामाजिक ताने–बाने का अंग रही है. भारतीय समाज व्यवस्था में अंतर्निहित स्वाभाविक लचीलेपन का समावेश इसमें भी रहा है. विट्ठल भाई पटेल ने वकालत से अपने व्यवसायिक जीवन का प्रारंभ किया. बाद में एक प्रखर राजनेता, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं तब के सर्वोच्च विधायी संस्था के अध्यक्ष के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. फेडरिक व्हाइट के सेवानिवृत्ति के बाद 22 अगस्त 1925 को उन्हें केंद्रीय विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. वे इस पद को सुशोभित करने वाले पहले भारतीय थे. अध्यक्ष का पद ग्रहण करते ही उन्होंने कहा था कि आज से मैं किसी एक दल का नहीं हूं. आज से मैं सभी दलों का हूं. अध्यक्ष के रूप में उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों को नयी ऊंचाइयां प्रदान की. रबींद्र नाथ महतो शाम में यात्री सेवा विमान से रांची लौट आये.
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