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Hemant Soren Govt@3 Years : झारखंड के 30 लाख किसानों तक पहुंची सरकार, 58 लाख बिरसा किसान बनाने का लक्ष्य

झारखंड की हेमंत सरकार तीन साल में 30 लाख किसान परिवारों तक पहुंची है और अगले दो साल में 28 लाख किसानों तक पहुंचेंगे. इस तरह से राज्य सरकार पांच साल में कुल 58 लाख बिरसा किसानों तक पहुंचने की लक्ष्य निर्धारित की है.

Hemant Soren Government@3 Years : झारखंड की हेमंत सरकार तीन साल में राज्य के 30 लाख किसानों तक पहुंची है. वहीं, अगले दो साल में और 28 लाख किसानों तक पहुंचने की योजना है. इस तरह से पांच साल में राज्य में कुल 58 लाख बिरसा किसानों की फौज तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें हर किसान को कुछ न कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसको लेकर कृषि विभाग गंभीर है.

सिर्फ आंकड़ों पर ही विश्वास नहीं करती झारखंड सरकार

मंगलवार को कृषि विभाग की ओर से रबी कर्मशाला 2022 का उद्घाटन करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सरकार सिर्फ आंकड़ों पर विश्वास नहीं करती है, बल्कि उसे धरातल पर उतार कर उसके लाभुकों तक पहुंचाने में विश्वास करती है. इसी विश्वास के आधार पर वर्तमान सरकार सफलतापूर्वक तीन साल पूरा कर रही है और पांच साल भी पूरा करेगी.

58 लाख किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि कोविड और सूखाड़ का दंश इस सरकार ने झेली है. इसके बावजूद राज्य के किसानों से किये वायदे पूरे कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन साल में राज्य के 30 लाख किसान परिवारों तक यह सरकार पहुंची है और दो साल में और 28 लाख किसानों तक पहुंचना है. इस तरह से पांच साल में राज्य के कुल 58 लाख किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य है. साथ ही राज्य की जीडीपी में 20 प्रतिशत तक राज्य के किसानों का योगदान सुनिश्चित करना है.

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सहकारिता में पांच लाख से अधिक नये सदस्य जुड़ें

कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि सहकारिता के तहत पांच लाख से ज्यादा नए सदस्य जुड़े हैं. सहकारिता में जो नए सदस्य बने हैं, वह कितने सक्रिय हैं, इसकी भी मॉनिटरिंग की जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि 461 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत सभी जिलों को आवंटित कर दिए गए हैं. विभाग किसान को अपना विजिटिंग कार्ड देने जा रहा है, ताकि उसे यकीन दिलाया जा सके कि राज्य सरकार उसके साथ है.

विदेशों में मची है धूम

कृषि मंत्री ने 129 नये पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनसे राज्य सरकार को काफी उम्मीदें हैं और वरीय पदाधिकारी अपना अनुभव साझा करें, ताकि वह कृषि के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. उन्होंने कहा कि विभाग में कमिटमेंट ऊपर से लेकर नीचे तक दिखाई देनी चाहिए, ताकि हम बिरसा किसान के सपनों को पूरा करने में अपनी भूमिका ईमानदारी पूर्वक निभा सकें. कहा कि अमेरिका के अखबार द वाल जर्नल में अगर झारखंड की खबरें प्रकाशित होती हैं, तो इसके पीछे विभाग का सामूहिक प्रयास ही है।

किसानों को स्वावलंबी बनाना मुख्य उद्देश्य : कृषि सचिव

वहीं, कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीख ने कहा कि किसानों को स्वावलंबी बनाना मुख्य उद्देश्य है. किसानों को तकनीकी मदद देने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए. कहा कि केवल पारंपरिक खेती करने से किसानों की आय बहुत नहीं बढ़ा सकते हैं. इसलिए अधिकारियों को नया आइडिया लेकर आने आना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना, स्मार्ट विलेज और कृषक पाठशाला जैसी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने पदाधिकारियों को कहा कि किसानों को सहयोग दें और हर किसान लाखों रुपए कमाने में सक्षम हो. किसानों को तकनीकी मदद देने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन करें. उन्होंने कहा कि हल्दी, काली मिर्च और लहसुन के उत्पादन की संभावनाएं झारखंड में है.

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ब्लॉक चेन के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ हो रहा बीज वितरण : कृषि निदेशक

कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि राज्य के 226 प्रखंड सूखे की चपेट में है. पिछले साल खरीफ की पैदावार 53 लाख मीट्रिक टन थी और कुल 28 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल हुई थी. कहा कि विभाग ने बीज वितरण में ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी लाया है. इससे बीच वितरण में पारदर्शिता आयी है. इस तकनीक की धूम विश्व में मच रही है. हाल ही में अमेरिकी मैगजीन वाल स्ट्रीट जर्नल में इस तकनीक की सफलता के बारे में छापा गया है. किसानों का अब तक 1645 करोड़ रुपये ऋण माफ कर दिया गया है.

सूखा राहत के लिए 25.62 लाख किसानों ने दिया आवेदन

निबंधक सहकारिता मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि राज्य सरकार से सूखा राहत लेने के लिए 26.62 लाख किसानों ने आवेदन किया है. इसमें करीब छह लाख किसानों का आवेदन डीसी के स्तर से अनुमोदित हो गया है. मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना के तहत 461 करोड़ रुपए का आवंटन हो चुका है और 29 दिसंबर तक लगभग 10 लाख किसानों के खाते में ₹3500 ट्रांसफर किए जाएंगे. इसकर्मशाला में मुख्य रूप से पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा, विशेष सचिव प्रदीप हजारे ,भूमि संरक्षक निदेशक अजय कुमार सिंह, उपनिदेशक रसायन अनिल कुमार, उपनिदेशक मुकेश सिन्हा, फणींद्र नाथ त्रिपाठी सहित रांची प्रमंडल के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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