रांची (प्रमुख संवाददाता). प्रदेश भाजपा ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 का स्वागत किया है. प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यह संशोधन मुस्लिम समाज के गरीबों, महिलाओं को उनके हक व अधिकार दिलाने का विधेयक है. जो पार्टियां मुस्लिम समाज व महिलाओं की प्रगति नहीं देखना चाहतीं, वही इसका विरोध कर रही हैं. श्री मरांडी ने कहा कि वक्फ बोर्ड को भू-माफियाओं और लुटेरों के चंगुल से मुक्त कराकर गरीब मुसलमानों के हित में इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है, लेकिन कुछ लोग इसे गरीब मुसलमानों के हित में इस्तेमाल करने के बजाये भू-माफिया की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं. यह दुखद है, उन्हें गरीब मुसलमानों की चिंता करनी चाहिए. कहा कि विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है. आजादी के पहले से वक्फ है और आजादी से पहले भी संशोधन हुआ. अब से पहले तक इस एक्ट में पांच बार संशोधन हो चुके हैं. यह तब असंवैधानिक नहीं था, तो आज संशोधन असंवैधानिक कैसे हो गया? आजादी के बाद 1954 में अंग्रेजों के समय से चले आ रहे वक्फ एक्ट को रेगुलेट कर वक्फ एक्ट बनाया गया. इसके बाद साल 1995 में नया वक्फ बोर्ड एक्ट आया. कहा कि 2013 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने इसमें गैरकानूनी तरीके से संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिया कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन पर अपना अधिकार जता सकता है. श्री मरांडी ने कहा कि वक्फ से जुड़ी समस्या केवल मुसलमानों की नहीं है, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर हिंदू, सिख, बौद्ध, इसाई और यहां तक कि मुस्लिम भी पीड़ित हैं. कई ऐसे मामले आये हैं, जिसमें वक्फ ने मनमाने तरीके से मंदिरों, गुरुद्वारों और यहां तक कि पूरे गांव को ही वक्फ की प्रॉपर्टी बता दिया है. कहा कि कोलकाता हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ को धार्मिक बोर्ड नहीं माना है, बल्कि इसे वक्फ अधिनियम के तहत स्थापित एक ट्रस्ट या संस्था के रूप में देखा है, जो संपत्ति के प्रबंधन और रखरखाव से संबंधित है. कहा कि यह विधेयक रिफार्म के लिए है, रिवोल्ट के लिए नहीं. कांग्रेस पार्टी सहित इंडिया गठबंधन के लोगों को जनता को दिग्भ्रमित करने से बाज आना चाहिए.
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