डकरा. रविवार को डीएमओ लाॅक खोल दिया गया और एनके एरिया की विभिन्न परियोजनाओं से कोयला उठाव शुरू कर दिया गया है. पिछले महीने का 16 हजार 300 टन कोयला उठाना बाकी है. इस बीच चालू महीने का कोयला उठाव का काम चल रहा है, ऐसे में पिछले महीने और इस महीने का कोयला एक साथ कितना उठ सकेगा, इसको लेकर दोनों महीने में कोयला लेनेवाले लोग परेशान हैं. इनलोगों ने बताया कि सभी कोलियरी की एक क्षमता है, जिसका आकलन करने के बाद ही संबंधित परियोजना से कोयला बिक्री का प्रस्ताव तैयार किया जाता है. कई बार चालू महीने का कोयला नहीं उठ पाता है, ऐसे में दोनों महीने का कोयला एक साथ उठाना काफी मुश्किल काम है. परेशान लोगों ने बताया कि उठाव नहीं होने की स्थिति में सिक्योरिटी मनी नहीं काटने की मांग हमलोगों ने प्रबंधन से की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है, यही नहीं लैप्स करने की स्थिति में बैंक गारंटी भी निकालने में लोगों को महीनों लग जाता है. इस अव्यवस्था से हर कोई परेशान हैं.
संगठित वसूली सिस्टम चर्चा में
व्यवसायी जिस बेसिक प्राइस पर कोयला खरीदते हैं. उससे दोगुना से भी अधिक खर्च करने के बाद कोयले का उठाव शुरू कर पाता है. एक व्यवसायी ने बताया कि बेसिक प्राइस के बाद 13 प्रकार का पैसा पेपर पर ही ऑन रिकॉर्ड कट जाता है. इसके बाद ऑफ द रिकार्ड सीसीएल से लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों तक को जब तक उनका तय हिस्सा नहीं दिया जाता है, तब तक कोई काम आगे नहीं बढ़ता. यह वसूली का सिस्टम इतना संगठित रूप से होता है कि दोस्त और दुश्मन एक ही घाट पर पानी पीते नजर आते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

