रांची.
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) राज्य भर में सामुदायिक संगठनों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर उन्हें आजीविका के विभिन्न साधनों से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है. इन्हीं प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं ने राज्य को राष्ट्रीय पटल पर नयी पहचान दिलायी है. चतरा जिला के इटखोरी प्रखंड स्थित धनकेरी मॉडल संकुल संघ को ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार 2024’ में पांच वर्ष से अधिक पुराने संगठनों की श्रेणी में देशभर में तीसरा स्थान मिला है.संघ के पास 3.04 करोड़ रुपये का कॉरपस फंड है
धनकेरी मॉडल संकुल संघ की अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष को 14 अगस्त को नयी दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री पुरस्कृत करेंगे. इसके बाद वे 15 अगस्त 2025 को विशेष आमंत्रण पर नयी दिल्ली के लाल किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेंगी. संघ की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी. वर्तमान में इसके अंतर्गत 246 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं लगभग 3,100 महिलाएं सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. संघ के पास 3.04 करोड़ रुपये का कॉरपस फंड है. अब तक 57.24 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित कर चुका है.
1695 लखपति दीदियां
संघ के अंतर्गत 1695 महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनी हैं. इन्होंने कृषि, पशुपालन, उद्यमिता एवं अन्य आजीविका गतिविधियों के जरिये आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है. संगठन के 242 स्वयं सहायता समूह बैंक क्रेडिट लिंकेज से जुड़ चुके हैं. 2,862 सदस्य बीमा कवरेज से लाभान्वित हो रहे हैं.
बोले अधिकारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व और झारखंड सरकार के सहयोग से राज्य के 423 मॉडल क्लस्टर लेवल फेडरेशन ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यह संगठन न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, बल्कि सामाजिक विकास में भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं.
अनन्य मित्तल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जेएसएलपीएसB
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