रांची.
शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल होने के लिए काफी संख्या में लोग उनके पैतृक गांव नेमरा पहुंचे. गोला से लेकर नेमरा तक वाहनों की कतरी लगी रही. लोग खुद के वाहन, बस, ऑटो आदि से आ रहे थे. दोपहिया वाहनों की पार्किंग में 10 से अधिक बाइक खड़ी थी. वहीं, बरलंगा चौक से लेकर लुकइयाटांड़ तक की सड़कों पर लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था. कतारबद्ध होकर लोग चल रहे थे. बच्चे, बूढ़े, जवान, महिला सभी श्राद्ध भोज में शामिल हुए. झामुमो नेता अभिषेक प्रसाद पिंटू ने बताया कि शिबू सोरेन को लोग केवल एक राजनीतिक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक आंदोलनकारी और संरक्षक के रूप में याद करते हैं. उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा. वे आदिवासी समाज की आवाज बनकर राष्ट्रीय राजनीति में भी उभरे और कई बार लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्य रहे. झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने राज्य के विकास की दिशा तय की. जनता से उनके प्रेम का नतीजा है कि लोग उम्मीद से ज्यादा उमड़ पड़े. ये गांव-देहात के गरीब-गुरबा लोग हैं, जिनके लिए शिबू सोरेन हमेशा संघर्ष करते रहे. उनकी आवाज उठाते रहे. आज उसी प्रेम और श्रद्धा को दिखाने लोग श्राद्ध भोज में उमड़ पड़े हैं.चार पंडालों में भोजन की व्यवस्था
शिबू सोरेन के आवास के समीप ही अलग-अलग स्थानों पर चार पंडाल में भोजन की व्यवस्था की गयी थी. लोगों को असुविधा न हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया था. लोग बुफे सिस्टम से प्लेट में भोजन लेते और समीप में ही टेबल-कुर्सी पर बैठकर खा रहे थे. भोजन में पारंपरिक व्यंजन की व्यवस्था की गयी थी. गर्मी को देखते हुए लोगों के बीच ओआरएस घोल का भी वितरण किया गया. गुरुजी के श्राद्ध संस्कार के मौके पर आयोजित श्राद्ध भोज न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान रहा, बल्कि यह लोगों के लिए गुरुजी के जीवन और योगदान को याद करने का अवसर भी बन गया. सामुदायिक भोज में लोग एक साथ बैठकर भोजन करते दिखे. कहीं कोई आपा-धापी नहीं थी. लोग लाइन से गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दे रहे थे. कई लोग सेल्फी भी ले रहे थे.
सुरक्षा की विशेष व्यवस्था
इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. एक दर्जन से अधिक जिलों के उपायुक्त (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) नेमरा पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. प्रभारी राहुल कुमार सिन्हा स्वयं बरलंगा से नेमरा तक व्यवस्था देख रहे थे. सीएम के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार भी सारी वयवस्था पर नजर बनाये हुए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक दिन पूर्व ही सारी व्यवस्था पुख्ता करते आवश्यक निर्देश दिये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

