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Friday, March 29, 2024

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कोरोना से जंग : राज्य में 560 आइसोलेशन सेंटर तैयार, कोरोना केयर सेंटर बनेगा एचइसी का पारस अस्पताल

राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए केयर सेंटरों की संख्या बढ़ा रही है. कोरोना के मरीजाें की तीमारदारी के लिए विभिन्न अस्पतालों में अब तक 560 आइसोलेशन बेड तैयार कर लिये गये हैं. एचइसी स्थित पारस अस्पताल को कोरोना केयर सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए पूरा अस्पताल ले लिया गया है.

रांची : राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए केयर सेंटरों की संख्या बढ़ा रही है. कोरोना के मरीजाें की तीमारदारी के लिए विभिन्न अस्पतालों में अब तक 560 आइसोलेशन बेड तैयार कर लिये गये हैं. एचइसी स्थित पारस अस्पताल को कोरोना केयर सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए पूरा अस्पताल ले लिया गया है. इसके अलावा भी सभी निजी अस्पतालों को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं. जिन निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर है, उन अस्पताल की सूची तैयार कर ली गयी है. आपात स्थिति में सभी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए उनके वेंटिलेटरों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

आइसोलेशन बेड वाले अस्पतालों को सभी निर्धारित मानदंडों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों का सहयोग भी लिया जायेगा. राज्य सरकार द्वारा इसकी सूचना सभी अस्पताल प्रबंधकों को दे दी गयी है. राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि अब तक राज्य में एक भी मरीज कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला है. लेकिन, बावजूद इसके कोरोना से निपटने की तैयारी में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी जा रही है. निश्चित रूप से कोरोना को हराने में हम कामयाब होंगे.

रिम्स में माइक्रोबायाेलॉजी िवभाग में एक दिन में होगी 35-40 जांच

रांची : रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना वायरस की जांच शुरू हो गयी है. विभाग ने पिछले तीन दिन में 28 लोगों के सैंपल की जांच की है. रिम्स में कोरोना हेल्प डेस्क के माध्यम से सर्दी-खांसी व बुखार के लिए दर्जनों की स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रतिदिन सैंपल की जांच की संख्या बढ़ रही है. पहले दिन चार, दूसरे दिन नौ व तीसरे दिन 15 लोगों के सैंपल की जांच की गयी. विभाग का कहना है कि वह एक दिन में 35 से 40 मरीजों के सैंपल की जांच कर सकते हैं. इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ी, तो दो शिफ्ट में जाच की जा सकती है.

जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम लगी हुई है. इधर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग को दूसरी रियल टाइएम पीसीआर मशीन भी मिल गयी है, लेकिन इसका कुछ सामान नहीं आया है. लॉक डाउन के कारण एसेसिरीज नहीं आ पा रही है. स्थिति सामान्य होने पर कंपनी इसे भी उपलब्ध करा देगी. इसके बाद मशीन को इंस्टाल कर उसका उपयोग होने लगेगा. दो मशीन होने से एक दिन में 80 लोगों के सैंपल की जांच होने लगेगी. हालांकि रिम्स के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति नहीं आने वाली है, फिर भी हम पूरी तरह से तैयार हैं.

माइक्रोबायोलॉजी विभाग का दावा, हर परिस्थिति के लिए हैं तैयार

जरूरत पड़ी तो दो शिफ्ट में करेंगे काम : डॉ मनोज कुमार

माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जरूरत पड़ने पर हम 35 से 40 लोगों की स्क्रीनिंग कर सकते हैं. आवश्यकता पड़ी, तो हम दो पाली में जांच कर सकते हैं. हमारी टीम हर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार है.

डॉ मनोज कुमार, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी

कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट होगा हेल्प डेस्क

रांची. रिम्स में कोरोना मरीज की स्क्रीनिंग के लिए इमरजेंसी के पास संचालित कोरोना हेल्प डेस्क को ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट किया जायेगा. रिम्स प्रबंधन का मानना है कि एक ही जगह स्क्रीनिंग करने से मरीज को चिह्नित करने के बाद आवश्यकता अनुरूप उनका इलाज करने में आसानी होगी. अगर मरीज को सिर्फ आइसोलेशन में भर्ती करने की जरूरत होगी, तो उसको पेइंग वार्ड में भर्ती कर दिया जायेगा. वहीं चिकित्सकों को लगेगा कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है और उसको भर्ती कर इलाज करना है तो कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया जायेगा.

पांच को आइसोलेशन में किया गया भर्ती : रिम्स के कोरोना हेल्प डेस्क से शुक्रवार को पांच लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया. ये सभी पांच लोग स्क्रीनिंग डेस्क से जांच कराने के बाद पहुंचे थे. करीब 100 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी, जिसमें बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष ध्यान दिया गया. लक्षण नहीं मिलने पर उनको होम कोरेंटाइन में रहने की सलाह दी गयी. वैसे लोगों को दवा देकर छोड़ दिया गया, जो बाहर से नहीं आये हैं और सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित हैं.

कोरोना जांच की चार नयी मशीनें आयी

रांची़ झारखंड सरकार ने कोरोना वायरस के ज्यादा से ज्यादा सैंपलों के लिए चार नयी जांच मशीनें मंगायी है. इसमें से एक मशीन रिम्स में लगेगी. वहीं, अन्य तीन राज्य के अन्य जगहों पर लगायी जायेगी. इटकी व अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना जांच की व्यवस्था की जायेगी. मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने कहा कि राज्य की प्राथमिकता प्रतिदिन टेस्ट क्षमता को बढ़ाना है. सरकार टेस्टिंग, डिटेक्शन और आइसोलेशन पर पूरा ध्यान दे रही है. उन्होंने वर्तमान में कार्यरत मशीनों को बढ़ाकर 20 तक कराने का निर्देश दिया.

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