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झारखंड की नियोजन नीति को लेकर सदन के बाहर धरने पर बैठीं कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कही यह बात

झारखंड की नियोजन नीति को लेकर सदन के बाहर धरने पर बैठी कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने बयान दिया. उन्होंने युवाओं के हित में अपनी राय रखी.

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन के बाहर भाजपा के विधायकों का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान नियोजन नीति को लेकर सदन के बाहर ही क्यों मांग किया जा रहा है, सदन के अंदर भी मांग किया जा सकता था? इस सवाल का जवाब देते हुये बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि यह हमारा अधिकार है. विधानसभा और राज्य का बात रखने का अधिकार है. हम हर जगह अपनी बात को रखने पर विश्वास रखते हैं, क्येंकि यह गंभीर विषय है और हर प्लेटफॉर्म पे इसको रख के यह सुरक्षित कराना चाहते हैं कि इसको गंभीरता से लिया जाएं और तुरंत संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई की जाएं.

वहीं, सरकार की तरफ से नियोजन नीति को लेकर क्या कुछ प्रयास किया जा रहा है? इस पर अंबा प्रसाद ने कहा कि सरकार ने नियोजन नीति बनाई थी. जिसमें बहुत मेहनत लगा था. बहुत सारे संगतियों को भी दूर किया गया था. अब वह रद्द कर दी गई है तो वह दुर्गभाग्यपूर्ण है. इसमें हमारे युवाओं का कोई दोष नहीं है. युवाओं का कोई गलती नहीं है. तो युवा ही सजा काट रहे हैं, युवा ही झेल रहे हैं, युवा ही दुखी है तो इस आलोक में युवाओं को कोई चोट नहीं पहुंचे. जो भी नियुक्ति है उसको न्यायपूर्णक आगे बढ़ाया जाएं. नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया जाएं और युवाओं के साथ न्याय किया जाएं.

कहा जा रहा है कि अगर 1932 खतियान लागू हो जाता है तो फिर नियुक्ति प्रक्रिया क्या उसके साथ बैठ जाएगी? इस सवाल का जवाब देते हुए अंबा प्रसाद ने कहा कि अभी फिलहाल जो युवाओं का रिजल्ट रद्द हो रहा है. जो युवाओं का परीक्षा सिर पर है और जो युवा परीक्षा दे चुके है. उन युवाओं का जो नियुक्ति है उसमें बिल्कुल रोक नहीं लगाया जाएं. नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जाएं. और जो प्रोसेस है उसपे अकुंश नहीं लगाया जाएं और जो प्रक्रिया है वह चलते रहे क्योंकि इसमें युवाओं का कोई दोष नहीं है.

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