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कोयला सचिव अमृत लाल मीणा बोले- अगले 20 साल तक रहेगी कोयले की जरूरत, उसके बाद ही कमी आयेगी

अमृत लाल मीणा ने कहा कि जून 2020 में कॉमर्शियल कोल माइनिंग के लिए बोली लगनी शुरू हुई थी. अब तक 91 कोल ब्लॉक का ऑक्शन हो चुका है. इसमें पांच में खनन भी चालू हो गया है.

रांची : कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि देश में 20 साल तक कोयले की मांग कम नहीं होने वाली है. उसके बाद ही इसमें कमी हो सकती है. इस कारण कोयला उद्योग में निवेश करने वालों के लिए यह काफी अच्छा समय है. निवेशक कॉमर्शियल माइनिंग में पैसा लगाकर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. श्री मीणा मंगलवार को कॉमर्शियल कोल माइनिंग के आठवें और नौवें चरण के ऑक्शन को लेकर पहली बार रांची में आयोजित रोड शो को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे.

श्री मीणा ने कहा कि जून 2020 में कॉमर्शियल कोल माइनिंग के लिए बोली लगनी शुरू हुई थी. अब तक 91 कोल ब्लॉक का ऑक्शन हो चुका है. इसमें पांच में खनन भी चालू हो गया है. झारखंड में कोल सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है. यह उपयोगिता अभी घटने वाली नहीं है. देश के विकास में झारखंड के कोयले का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. यही एक राज्य है, जहां कोकिंग कोल है. इससे देश में होने वाले कोयले के आयात को भी कम किया जा सकता है.

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पूरे राज्य में होने लगा है खनन

श्री मीणा ने कहा कि पूरे राज्य में कोयला खनन होने लगा है. पहले केवल धनबाद के आसपास कोयला निकलता था. अब संताल, हजारीबाग प्रमंडल में भी खनन होने लगा है. झारखंड के निवेशकों के लिए अच्छा अवसर है. सरकार अब इसके लिए बैंक गारंटी भी दे रही है. कोयला मंत्रालय के अवर सचिव एम नागराजू ने कहा कि कोल ऑक्शन को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा रहा है. सरकार नहीं चाहती है कि कोई विवाद हो. केंद्र सरकार हर माह राज्य सरकार के साथ समीक्षा बैठक करती है. इससे काम को गति मिलता है. राज्य सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है. कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद ने कहा कि झारखंड और आसपास के राज्य मिनरल्स को लेकर काफी समृद्ध हैं. इसकी निकासी से राजस्व बढ़ सकता है. जिस तरह कोयले की मांग बढ़ रही है, उसको पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कोल ब्लॉक की जरूरत है.

राज्य सरकार हर सहयोग के लिए तैयार

राज्य सरकार के खान व कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीख ने कहा कि कोयला का ऑक्शन होने के बाद राज्य सरकार की जरूरत होती है. हर राज्य सरकार चाहती है कि उसकी आय बढ़े. झारखंड भी कोयले से अधिक राजस्व चाहती है. कोल ब्लॉक आवंटन के समय जरूरी कागजात और जानकारी रहे, तो राज्य सरकार को खनन अनुमति और अन्य क्लियरेंस देने में परेशानी नहीं होगी. खाता-प्लॉट नंबर की सही जानकारी नहीं होने से क्लियरेंस देने में दिक्कत होती है. मौके पर उद्योग सचिव जीतेंद्र कुमार सिंह, खान निदेशक अरवा राजकमल, सीसीएल के सीएमडी वी बीरा रेड्डी, सीएमपीडीआइ के सीएमडी मनोज कुमार भी मौजूद थे.

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