डकरा. डीएमओ नहीं खुलने के कारण एनके एरिया के कोयला खदानों से पिछले माह कोयला खरीदने वाले ग्राहकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है. इस मामले को लेकर खरीदार रांची डीएमओ कार्यालय से लेकर सीसीएल के संबंधित अधिकारियों के कार्यालय का लगातार चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी इनकी सुननेवाला नहीं है. अब मात्र चार दिन शेष रह गये हैं और इस बीच अनिवार्य रूप से पिछले माह का कोयला उठा लेना है, नहीं तो पांच नवंबर को उठाव की समय-सीमा समाप्त हो जायेगी. इसको लेकर सीसीएल ने आदेश भी जारी कर दिया है. बताते चलें कि पिछले माह कोयला ग्रेडिंग को लेकर नये नियम के विरोध के कारण पूरे कोल इंडिया में कोयला उठाव बंद कर दिया गया था. कई तरह के घटनाक्रम के बाद जब कोयला प्रबंधन ने उस आदेश को निरस्त कर दिया, तब कोयला उठाव शुरू हुआ, लेकिन इस बीच जितना दिन काम बंद रहा, उतने दिन में कोयला उठाव का निर्धारित समय अवधि 24-25 अक्टूबर को समाप्त हो गया. गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पहल पर प्रबंधन ने एक नया आदेश निकाला, जिसमें पांच नवंबर तक उठाव के लिए अलग से समय दिया, लेकिन इस बीच डीएमओ लाॅक हो गया, जिसको खुलवाये बगैर कोयला उठाव नहीं हो सकता. ऐसे में एनके एरिया के विभिन्न कोयला खदानों से कोयला खरीद चुके व्यवसायी समय अवधि समाप्त होने के भय से चिंतित हैं, लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है.
16 हजार टन कोयला उठाना है
एनके एरिया के केडीएच से 9100, चूरी 400, डकरा 3500 और रोहिणी परियोजना से 3300 टन कोयला पिछले माह का बचा हुआ है. सभी परियोजना मिला कर 16 हजार 300 टन कोयला पिछले माह का बचा है. यह कोयला नहीं उठा, तो खरीदार को 170 रुपये प्रति टन का नुकसान सिक्योरिटी मनी के रूप में होगा जो 27 लाख 71 हजार रुपए होगा.इसमें बहुत सारे छोटे व्यवसायी हैं.सेल्स ऑफिसर की लापरवाही है
व्यवसायियों ने बताया कि समय पर डीएमओ लाॅक हो जाता है और बाद में जब अतिरिक्त समय दिया गया है तो सेल्स ऑफिसर को चाहिए था कि डीएमओ लाॅक खुलवा दे. सीसीएल के सभी एरिया में लाॅक खुलवा कर कोयला उठाव हो रहा है, लेकिन एनके एरिया में कुछ नहीं किया गया. सभी ने मांग की है कि जिसका कोयला लैप्स होगा, उनका सिक्योरिटी मनी नहीं काटा जाये, ताकि लोग आर्थिक नुकसान से बच सके.
रांची डीएमओ नहीं सुनते हैं: शर्मा
एनके एरिया सेल्स ऑफिसर मोहन शर्मा ने बताया कि एनके एरिया का पुरनाडीह चतरा जिला में है और वहां यह समस्या नहीं है, क्योंकि सभी जिलों के डीएमओ सहयोग करते हैं लेकिन रांची डीएमओ को मेल किया गया, बातचीत की गयी लेकिन वे लाॅक नहीं खोले हैं, तो मैं क्या कर सकता हूं.स्लग ::: एनके एरिया से कोयला खरीदनेवालों को हो सकता है बड़ा आर्थिक नुकसान
केडीएच से 9100, चूरी 400, डकरा 3500 और रोहिणी परियोजना से 3300 टन कोयला पिछले माह का बचा हुआ है
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