रांची. दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र, रामकृष्ण मिशन आश्रम, मोरहाबादी में आइसीएआर की संस्था केंद्रीय निम्बू वर्गीय फल अनुसंधान संस्थान नागपुर (महाराष्ट्र) ने किसानों के लिए एक दिनी प्रशिक्षण शिविर लगाया. किसानों के बीच 6250 कागजी निम्बू, 150 मौसम्बी, 100 संतरा व 250 बैटरी ऑपरेटेड स्प्रयेर का वितरण किया गया. इसमें 200 एसटी व 50 एससी किसान थे. 298 किसानों ने भाग लिया. मुख्य अतिथि केंद्रीय निम्बू वर्गीय फल अनुसंधान संस्थान के निदेशक दिलीप घोष ने कहा कि समृद्ध भारत के लिए विकसित कृषि/हॉर्टिकल्चर को आगे बढ़ाने की जरूरत है. हम सभी को समेकित कृषि प्रणाली तथा फसल विविधिकरण को अच्छे से अपनाना होगा. निम्बू वर्गीय फसलों की झारखंड में काफी संभावनाएं है. देश में 360 मिलियन टन बागवानी, फल व सब्जी, 350 मिलियन टन अनाज दाल का उत्पादन किया गया जो सराहनीय है. सचिव स्वामी भवेशानंदजी महाराज ने प्राकृतिक खेती के माध्यम से फल, फूल व सब्जी पर जोर दिया. इस अवसर पर डॉ देवदास टी मेशराम, डॉ नरेश मेशराम ने किसानों को तकनीकी जानकारी दी. एसोसिएट डीन डॉ एसके पाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अजीत कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार व रवींद्र कुमार भी मौजूद थे.
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