रांची. सोनाहातू में हराडीह-बूढ़ाडीह पुल के धंसने के चार साल बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. इसकी जांच होने के बाद भी कार्रवाई लटकी हुई है. इंजीनियरों की टीम ने जांच कर स्पष्ट कर दिया था कि खराब गुणवत्ता के कारण पुल धंसा है. लेकिन उसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. अब जाकर फिर इंजीनियरों की टीम चार दिन पहले वहां पहुंची. इसके बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जिस मामले की जांच तत्कालीन अभियंता प्रमुख मुरारी भगत व दो मुख्य अभियंताओं ने की है और जांच रिपोर्ट भी दे दी है, तो कार्रवाई करने की बजाय अब फिर से इंजीनियरों की टीम को वहां क्यों भेजा गया. कुल मिला कर मामले को लटका कर रखा गया है.
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 के मई माह में यास तूफान आने से पुल गिर गया था. करीब 13 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कराया गया था. काफी दिनों बाद इसकी जांच हुई. शुरू में तो नदी में काफी पानी भरा हुआ था, इसलिए जांच नहीं हो सकी. बाद में इंजीनियरों ने इसकी जांच की और विभाग को रिपोर्ट सौंपी. विभाग ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता से कार्रवाई के लिए अनुशंसा मांगी, पर यह लटका रहा. इसके बाद दूसरे मुख्य अभियंता आये, उन्होंने भी कार्रवाई के लिए अनुशंसा नहीं दी. अब विधानसभा में बामलाडीह पुल गिरने का मामला उठा है, तो इस पुल के मामले में भी कार्रवाई की बात हो रही है.
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