रांची.
राज्य भर की 2200 महिला सहायक पुलिसकर्मियों ने एक्स पर सीएम को मार्मिक पोस्ट किया है. इससे विधायक कल्पना सोरेन सहित कई मंत्रियों को भी टैग किया गया है. पोस्ट में सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा है कि मजदूर से भी कम वेतन देकर सरकार ने साबित कर दिया कि हमलोगों (खतियानी झारखंडी) की कीमत यहां सिर्फ वोट तक है. वेतन मजदूर से भी कम और काम 24 घंटे का. सरकार हमें कर्मचारी नहीं, अनुबंध कर्मी के नाम पर बंधुआ मजदूर समझती है. सहायक पुलिसकर्मियों (राज्य के युवा) ने 10,000 और 13,000 में अपनी जवानी सरकार को दे दी. राज्य के एक सामान्य पुलिसकर्मी का वेतन तो छोड़िए, उनका भत्ता भी हमारे वेतन से ज्यादा है.सहायक पुलिस मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं
इस कारण सारे सहायक पुलिस मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. इतने कम मानदेय में दो बच्चों को पढ़ाना तो छोड़िए, परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल है. उन्होंने सीएम की विधायक पत्नी कल्पना सोरेन से गुहार लगायी है कि हम सभी की चिंताओं को दूर करते हुए मानदेय में बढ़ोतरी और स्थायी करने की दिशा में पहल करें. गौरतलब है कि सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि 30 अगस्त तक सभी 12 जिलों में (दुमका, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा व लातेहार) समाप्त होने वाली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

