रांची.
विधानसभा की कमेटी ने राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना के कई प्रावधानों पर आपत्ति जतायी है. विधानसभा की प्रत्यायुक्त कमेटी ने बीमा योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की. बैठक के बाद कमेटी ने सात बिंदुओं पर अपनी अनुशंसा भेजी है. विस कमेटी ने कई मामले में बीमा योजना के पूर्व प्रावधान को बेहतर बताया है. कमेटी ने कहा है कि चिकित्सा संस्थानों में किसी भी बीमारी के लिए राशि की कैपिंग को समाप्त कर कैशलेस या प्रतिपूर्ति यानी रीइंबर्समेंट को सामान्य और गंभीर बीमारी में प्रभावी करना चाहिए. इसके साथ कमेटी ने कहा कि पुरानी व्यवस्था में बीमारी के लिए अग्रिम राशि देने का प्रावधान था. इससे रोगियों के परिजनों को आर्थिक समस्या से नहीं जूझना पड़ता है. नयी व्यवस्था में भी इसे लागू किया जाना चाहिए.सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची बढ़ायी जानी चाहिए
कमेटी ने कहा कि राज्य और बाहर के प्रदेशों में इलाज के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची को बढ़ाया जाना चाहिए. सरकार के आदेश का हवाला देते हुए बताया गया है कि राज्य और राज्य के बाहर के 21 चिकित्सा संस्थानों को सूचीबद्ध किया गया था. वहीं, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार और आयुष्मान योजना के तहत भी अस्पताल सूचीबद्ध हैं, उसे शामिल किया जाये. गंभीर बीमारियों में बाहर इलाज कराने और दवा पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए 30 दिनों की सीमा खत्म होनी चाहिए. कमेटी ने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज को भी बीमा में शामिल किया जाना अनिवार्य है. इस पद्धति से इलाज को राज्य सरकार भी मान्यता दे रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

