रांची.
राज्य के वित्त रहित हाइस्कूल, इंटर कॉलेज, मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अनुदान राशि बढ़ाने के प्रस्ताव को विभागीय मंत्री रामदास सोरेन ने मंजूरी दे दी है. मंत्री की सहमति के बाद अनुदान में 75 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है, जहां से अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है. बताया गया कि इससे पहले भी शिक्षा विभाग ने अनुदान राशि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वित्त विभाग ने कुछ बिंदुओं पर अतिरिक्त जानकारी मांगी थी. शिक्षा विभाग ने अब सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण के साथ संशोधित प्रस्ताव भेज दिया है. राज्य में पिछले 10 वर्षों से वित्त रहित स्कूल-कॉलेजों के अनुदान में कोई वृद्धि नहीं हुई. आखिरी बार 2015 में अनुदान राशि बढ़ायी गयी थी.संघर्ष मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी
झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा लंबे समय से अनुदान में वृद्धि की मांग कर रहा है. मोर्चा के रघुनाथ सिंह और मनीष कुमार ने कहा कि अगर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो मोर्चा आंदोलन करेगा. उनका कहना है कि 10 वर्ष पहले तय मानकों के आधार पर वर्तमान में अनुदान देना शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बेहद कठिन हो गया है.
कितने संस्थानों को मिलेगा लाभ
अनुदान राशि में बढ़ोतरी से राज्य के 189 इंटर कॉलेज, 300 हाइस्कूल, 40 संस्कृत स्कूल और 46 मदरसों के शिक्षक और कर्मचारी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. इससे उनके मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. बता दें कि हाल ही में डिग्री कॉलेजों के अनुदान में भी वृद्धि की गयी थी, जिससे अन्य शिक्षण संस्थानों में भी सकारात्मक उम्मीद जगी है.
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