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रांची में बोले सालखन मुर्मू- झारखंड समेत 5 राज्यों में कर देंगे रेल-रोड जाम, ये है पूरा मामला

हमने भारत सरकार को अल्टीमेटम दिया है. 20 नवंबर 2022 तक अगर सरना धर्म कोड के मान्यता देने की दिशा में केंद्र सरकार ने सकारात्मक संकेत नहीं दिये, तो 30 नवंबर देश के पांच राज्यों (झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा और असम) में एक दिन का रेल-रोड चक्का जाम कर दिया जायेगा.

झारखंड में 1932 के खतियान (1932 Khatiyan) पर राजनीति के बीच आदिवासी सेंगेल अभियान (Adivasi Sengel Abhiyan) ने 30 सितंबर को कोलकाता में बड़ी रैली करने की घोषणा की है. साथ ही 30 नवंबर को देश के पांच राज्यों में रेल और रोड चक्का जाम करने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा है कि 20 नवंबर तक केंद्र सरकार ने सरना धर्म कोड (Sarna Code) को लागू करने की दिशा में सकारात्मक पहल नहीं की, तो झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और असम में एक दिन के लिए चक्का जाम कर देंगे.

1932 का खतियान झामुमो का पॉलिटिकल स्टंट

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू (Salkhan Murmu) ने मंगलवार (27 सितंबर 2022) को रांची के मोरहाबादी में प्रेस के संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड (Jharkhand News) में आदिवासियों की स्थिति ठीक नहीं है. राज्य सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति (1932 Khatian Domicile Policy) तय करने की घोषणा की है. अभी इसे लागू नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से यह लागू नहीं हो सकता. यह झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का पॉलिटिकल स्टंट है. यह व्यवहारिक नहीं है. इस पर कोर्ट की तलवार लटकी हुई है.’

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कुड़मियों को भड़का रही भाजपा, तृणमूल और बीजद

उन्होंने कहा कि कुड़मी समाज (Kurami Samaj) के लोग खुद को आदिवासी का दर्जा (Schedule Tribe Status to Kurmi) देने की मांग कर रहे हैं. मेरा कहना है कि भारत में कोई भी किसी भी जाति का हो सकता है. यह जनतांत्रिक अधिकार है. मेरा विरोध इस बात पर है कि जिन राज्यों में रेल चक्का जाम किया गया, वहां भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बीजू जनता दल (BJD) ने वोट की लालच में इनको भड़काया है. ये पार्टियां कुड़मियों को भड़का रही हैं.

30 सितंबर को कोलकाता में करेंगे बड़ी रैली

उन्होंने कहा कि इस बार के चक्का जाम में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इनका सपोर्ट रहा. ये पार्टियां आदिवासी विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि जब बड़ी आबादी वाले लोग आदिवासी बन जायेंगे, तो मूल आदिवासियों का हक मारा जायेगा. सालखन मुर्मू ने कहा कि 30 सितंबर को वह इसी मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक बड़ी रैली करेंगे.

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सरना धर्म कोड की मान्यता का भी मुद्दा सालखन ने उठाया

श्री मुर्मू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरना धर्म कोड का मुद्दा भी उठाया. कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की मान्यता का मौलिक अधिकार है. हमने भारत सरकार को अल्टीमेटम दिया है. 20 नवंबर 2022 तक अगर सरना धर्म कोड के मान्यता देने की दिशा में केंद्र सरकार ने सकारात्मक संकेत नहीं दिये, तो 30 नवंबर देश के पांच राज्यों (झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा और असम) में एक दिन का रेल-रोड चक्का जाम कर दिया जायेगा.

रिपोर्ट- राहुल गुरु

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